स्पष्टीकरण की तिथि से पहले ही निलंबित कर दिया गया सेक्रेटरी
संत कबीर नगर: जिलाधिकारी की समीक्षा बैठक के दौरान इंदिरा और लोहिया आवास निर्माण की धीमी गति को लेकर
संत कबीर नगर: जिलाधिकारी की समीक्षा बैठक के दौरान इंदिरा और लोहिया आवास निर्माण की धीमी गति को लेकर जिम्मेदार मानकर ग्राम पंचायत अधिकारी को निलंबित कर दिया गया है। इसे लेकर प्रक्रिया के पालन का सवाल उठने लगा है। उक्त कर्मी को 11 अक्टूबर को पत्र जारी करके शिथिलता का कारण स्पष्ट करने को कहा गया था और तीन दिन का समय दिया गया था और 12 को ही बिना स्पष्टीकरण के ही निलंबन का आदेश थमा दिया गया।
विकास खंड के लोहिया ग्राम करमैनी मे लोहिया आवास अपूर्ण मिलने के मामले को लेकर जिलाधिकारी द्वारा ग्राम पंचायत अधिकारी राजेश पांडेय को निलंबित करने का आदेश दिया गया था। गांव में पैसा निकलने के बाद भी 11 लोहिया आवास पूरे नही हुए मिले थे। मामले में खास बात यह है कि आवास के लिए धन की मांग करने और उसके देखरेख का कार्य ग्राम विकास अधिकारी के हवाले होता है। करमैनी गांव के लिए भी आवास के लिए धन की मांग ग्राम पंचायत अधिकारी अमिताभ राय द्वारा किया गया था। ऐसे मे निर्माण कार्य के देरी के लिए ग्राम पंचायत अधिकारी को जिम्मेदार ठहराने पर सवाल उठने लगे हैं। इससे भी अहम बात यह है कि उक्त ग्राम पंचायत अधिकारी को डीपीआरओ कार्यालय से 11 अक्टूबर को आवास निर्माण मे विलंब का कारण स्पष्ट करने के लिए पत्र दिया गया था जिसे उसने 12 अक्टूबर को प्राप्त किया और उसी दिन उसे निलंबन का आदेश भी थमा दिया गया। सरकारी प्रक्रिया के अनुसार समय सीमा के अंदर स्पष्टीकरण न मिलने अथवा तर्क संगत नहीं होने पर ही निलंबन किए जाने की व्यवस्था है।
इस बाबत पूछने पर खंड विकास अधिकारी पुष्पा सोनकर ने बताया कि सेक्रेटरी का निलंबन लोहिया आवास पूर्ण न होने के कारण किया गया है। मामले में बेलहर ब्लाक के एडीओ पंचायत जांच कर रहे हैं, जो भी इस मामले में दोषी होगा उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।