देवी कात्यायनी की हुई पूजा, आज खुलेंगे पट
संत कबीर नगर : आस्था, शक्ति व संयम का पर्व शारदीय नवरात्र में नगरीय व ग्रामीण अंचल भक्ति से सराबोर ह
संत कबीर नगर : आस्था, शक्ति व संयम का पर्व शारदीय नवरात्र में नगरीय व ग्रामीण अंचल भक्ति से सराबोर है। घर-मंदिर में नित्य पूजा-पाठ, कथा, जगराता से वातावरण भक्तिमय बना हुआ है। मंगलवार को नव दुर्गा की षष्ठ रूप देवी कात्यायनी की श्रद्धापूर्वक पूजा की गई।
शक्ति की अधिष्ठात्री देवी जगत जननी मां दुर्गा की विभिन्न रूपों में आराधना करने की परंपरा है। नगर के समय माता मंदिर, बरदहिया बाजार दुर्गा मंदिर, हनुमान गढ़ी, श्रीलक्ष्मी नारायण मंदिर, श्रीराम जानकी मंदिर, पाटेश्वरी मंदिर, समय स्थान, वन देवी आदि स्थानों पर दर्शन के लिए भक्तों का तांता लगा रह रहा है। गोला बाजार, रेलवे क्रासिंग, बैंक चौराहा, सुगर मिल, मेहदावल बाइपास, स्टेशन रोड, रामनगर, मेहदावल मार्ग, घोरखल आदि स्थानों पर स्थापित पंडाल में प्रतिमा दर्शन करने के लिए लोग जुटे रहे। प्रतिमाओं को पंडाल में व्यवस्थित करने का कार्य तेजी से चल रहा है। बुधवार को सप्तमी पर मां की प्रतिमाओं के पट खोले जाएंगे। मगहर, नाथनगर, मुखलिसपुर, पौली, कालीजगदीश पुर, बघौली, मोलनापुर, मैनसिर, बखिरा, सांथा, नंदौर, मेहदावल, सेमरियावा, धर्मसिंहवा आदि स्थानों पर प्रतिमाएं स्थापित की गई है।
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नेत्र पूजा आज
-पंडालों में स्थापित प्रतिमाओं की प्राण प्रतिष्ठा बुधवार को होगी। इसके पश्चात नेत्र पूजा की जाएगी। पूजन-अर्चन के लिए पूजा पंडाल में व्यापक प्रबंध किए जा रहे हैं।
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काल रात्रि की पूजा आज
-नवरात्र के सातवें दिन बुधवार को सप्तम देवी काल रात्रि का पूजा की जाएगी। इसी दिन अष्टमी तिथि होने के कारण अक्षय फल के लिए महागौरी की पूजा होगी और अष्टमी व्रत रखा जाएगा। गुरुवार को नवमी पर कन्या व सिद्धि दात्री की पूजा कर हवन किया जाएगा।
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पंडाल पूजा कर बेल पत्र नियंत्रण
-मंगलवार को पंडाल में पूजा की गई। सायं काल विशेष पूजा करके बेल पत्र नियंत्रण किया गया। पंडाल में समिति के सदस्यों ने पूजन कराया। समय माता मंदिर परिसर स्थित पंडाल में पवन मोदनवाल ने पूजन कराया। बंगाली दुर्गा पूजन समिति के अध्यक्ष डा. पीके विश्वास ने आचार्यो के दिशा निर्देशन में विधिवत पूजन किया। इसके पश्चात पंडाल से अंखड च्योति लेकर श्रद्धालु जलकल मार्ग स्थित बगीचा में पहुंचे। यहां दीप जलाकर गणपति पूजन करके देवी की स्तुति की गई। बेल पत्र का पूजन करके आमंत्रण किया गया। देर रात्रि तक पूजन किया गया।