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अब एंबुलेंस के लिए मरीज को देना होगा आइकार्ड

शोभित कुमार, सम्भल : अब 108 या 102 एंबुलेंस सेवा के लिए मरीजों को आइकार्ड देना होगा। इसके लिए एंबुले

By JagranEdited By: Published: Tue, 27 Jun 2017 12:52 AM (IST)Updated: Tue, 27 Jun 2017 12:52 AM (IST)
अब एंबुलेंस के लिए मरीज  को देना होगा आइकार्ड
अब एंबुलेंस के लिए मरीज को देना होगा आइकार्ड

शोभित कुमार, सम्भल : अब 108 या 102 एंबुलेंस सेवा के लिए मरीजों को आइकार्ड देना होगा। इसके लिए एंबुलेंसों में तैनात ईएमटी व पायलट को भी निर्देश दे दिए गए हैं, लेकिन इमरजेंसी दुर्घटना जैसे मामलों में पिकअप व ड्रॉप किए जाने वाले मरीजों को इस नियम से छूट दी गई हैं।

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अभी तक 108 या 102 एंबुलेंस सेवा के रिकार्ड में मरीज का नाम, पता व मोबाइल फोन नंबर ही दर्ज होता था, लेकिन अब मरीज की आइडी को भी इससे जोड़ने के निर्देश दिए गए है। ऐसे में इन सभी एंबुलेंसों पर तैनात ईएमटी व पायलट को मरीज पिकअप करने के दौरान आइडी की फोटो लेने के लिए कहा गया है। एंबुलेंस सेवा कंपनी के जिला कोआर्डिनेटर पंकज चाहल ने बताया कि दुर्घटना या अन्य किसी इमरजेंसी में मरीज को आइडी कार्ड के लिए बाध्य नहीं किया जाएगा। अभी जो मरीज घर से पिकअप किए जाएंगे उन्हें कॉल करने के दौरान ही मतदाता फोटो पहचान पत्र, आधार कार्ड, बैंक पासबुक, राशन कार्ड की फोटो कापी या उसकी ओरिजनल कापी तैयार रखने के लिए कहा जाएगा। उन्होंने कहा कि मरीज की आइडी लेने का मकसद एंबुलेंस सेवा में पारदर्शिता लाना है। मरीज की केस आइडी के साथ ही एंबुलेंस पर तैनात कर्मचारी स्मार्ट फोन से आइडी की फोटो खींचकर हेड ऑफिस भेजेंगे। इसके बाद यह स्वयं ही मरीज के रिकार्ड में सबमिट हो जाएगी। ऐसे में किसी भी केस के सत्यापन में कोई कठिनाई नहीं होगी।

जिले में मरीजों को अस्पताल तक पहुंचाने के लिए 11 एंबुलेंस 108 है। इसके साथ ही एक एंबुलेंस को बैकअप के लिए रिजर्व किया गया है। जिससे किसी भी आपात स्थित में इसका उपयोग किया जा सके। जबकि 23 एंबुलेंस 102 है। इसके साथ भी एक एंबुलेंस को रिजर्व किया गया है। इसका उपयोग भी आपात स्थित में किया जाता है। वही दो एडवांस लाइफ सपोर्ट (एएलएस) एंबुलेंस भी जिले में उपलब्ध हैं।

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जागरूकता का अभाव

सम्भल : प्रदेश सरकार की ओर से उत्कृष्ट स्वास्थ्य सेवाएं देने के लिए ही एडवांस लाइफ सपोर्ट (एएलएस) सिस्टम से लैस एंबुलेंस सेवा की शुरूआत की गई थी। प्रदेश के 75 जिलों में यह सेवा शुरू की गई थी। जिले को भी दो एंबुलेंस मिली थी, लेकिन जागरूकता का अभाव होने की वजह से इस वेंटीलेटर युक्त एंबुलेंस सेवा का तीन लोग ही लाभ ले सके है। जबकि जिले में यह सेवा 19 अप्रैल से शुरू की गई थी। इस एंबुलेंस की मदद से इन तीन लोगों में से दो लोगों को दिल्ली तथा एक को मेरठ ले जाकर भर्ती कराया गया था।

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मई में 108 ने 278 को पहुंचाया अस्पताल

सम्भल : यदि रिकार्ड को उठाकर देखे तो वर्ष 2017 के माह मई में 278 लोगों की जान बचाने में 108 एंबुलेंस ने सहयोग किया। इसमें से 248 सड़क दुर्घटना, 14 कार्डिक, पांच जहरीले पदार्थ का सेवन करने वाले तथा 11 विभिन्न कारणों से आग से झुलसने वाले व्यक्ति थे। इन्हें सूचना मिलने के बाद 108 एंबुलेंस की मदद से अस्पताल में भर्ती कराया गया जबकि इस सेवा के शुरू होने से लेकर मई 2017 तक 1130 मरीज इसका लाभ ले चुके है। इसमें से 108 की मदद से 52 रोगियों को जिला अस्पताल, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर 853, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर 187 तथा मेडिकल कालेज में 38 मरीजों को भर्ती कराया गया है। वही 102 एंबुलेंस की मदद से मई माह में 2435 महिलाओ को प्रसव व जांच के लिए अस्पताल लाया गया। जबकि मई वर्ष 2014 से लेकर मई 2017 तक कुल 207620 गर्भवती महिलाओं ने इस का लाभ लिया।

वर्जन

इस आइकार्ड को घर से रिसीव मरीजों के लिए लागू किया गया है। यदि कोई सड़क दुर्घटना, हादसा या कोई अन्य आपात कालीन स्थिति होती है तो उसके लिए यह नियम लागू नहीं है। इसी एंबुलेंस के ईएमटी व पायलट को नए नियम के बारे में निर्देश दे दिए गए है।

पंकज चाहल, जिला कोआर्डिनेटर


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