वंदे मातरम के रचियता थे बंकिमचंद्र
चन्दौसी। महापुरुष स्मारक समिति के तत्वावधान में वंदे मातरम के रचियता बंकिमचंद्र चटर्जी की जयंती समा
चन्दौसी। महापुरुष स्मारक समिति के तत्वावधान में वंदे मातरम के रचियता बंकिमचंद्र चटर्जी की जयंती समारोह पूर्वक मनाई गई। सीता रोड स्थित हनुमान मंदिर में समिति सदस्यों ने उनके चित्र पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धासुमन अर्पित किए। वक्ताओं ने कहा कि बंकिम चंद्र ने बीए व कानून की परीक्षा पास की। इनके पिता यादव चंद्र चटर्जी डिप्टी कलेक्टर थे, इन्होंने भी अपने पिता की भांति डिप्टी मजिस्ट्रेट पद पर नियुक्त होकर ईमानदारी से देश की सेवा की। चटर्जी ने वंदे मातरम गीत की रचना वर्ष 1875 में की और 1886 में गुरु रवींद्र नाथ टैगोर ने इस गीत को संगीत प्रदान किया। जिसे कांग्रेस के अधिवेशन में गाया। इसके बाद तो यह वंदे मातरम स्वतंत्रता सेनानियों के गले का हार बना। ब्रिटिश सरकार के प्रतिबंध के बाद भी क्रांतिवीर इस वंदे मातरम को एक नारे के रूप में प्रयोग करते थे। इस गीत को भारतीय संविधान में राष्ट्रीय गीत का गौरव प्रदान किया गया। इस दौरान समिति संयोजक सुरेश चंद्र शर्मा, डॉ. योगेंद्र मोहन शास्त्री, डॉ. टीएस पाल, केजी गुप्ता, श्याम भारद्वाज, हरिओम कश्यप, जयशंकर दुबे, विजय प्रकाश गौड़, भूपेंद्र कुमार गौड़, संजय पाराशरी, हरिओम शर्मा, अवधेश शर्मा, गोरव चंद्र, सुरेश पाल शर्मा, मिथलेश शर्मा, बागीश शर्मा, प्रदीप पाराशरी, बालकिशन आदि मौजूद रहे।