धनाभाव में नहीं हो सका योजनाओं का क्रियान्वयन
बहजोई। जनपद में मत्स्य पालन एवं विकास अभिकरण विभाग को बजट न मिलने के कारण शासन द्वारा चलायी गई नील क
बहजोई। जनपद में मत्स्य पालन एवं विकास अभिकरण विभाग को बजट न मिलने के कारण शासन द्वारा चलायी गई नील क्रांति योजना शुरू होने से पहले ही बंद हो गईं। वहीं पूर्व में चल रही मछुआ आवास, एफएफवी योजना भी समाप्त हो गईं।
जनपद में कश्यप समाज के लिए लाभान्वित करने के लिए शासन द्वारा चलायी जा रहीं वर्ष 2015-16 में मछुआ आवास एवं एफएफवी योजनाओं को बजट अभाव के चलते समाप्त कर दिया गया। वहीं शासन ने वर्ष 2016-17 में लोगों के लाभान्वित करने के लिए नील क्रांति योजना का शुभारंभ किया। जिसके तहत लाभार्थियों को तालाब एवं सुधार कार्य करने के लिए धनराशि मुहैया करायी जानी थी, लेकिन शासन से वर्ष भर बजट न मिलने के कारण उक्त योजनाएं जनपद में शुरू होने से पहले ही दम तोड़ गईं। नगर के निवासी महेश व रामगोपाल ने बताया कि उन्होंने मत्स्य पालन एवं विकास अभिकरण कार्यालय में विभाग द्वारा चलायी जा रहीं योजनाओं का लाभ लेने के लिए उन्होंने डाक द्वारा आवेदन किया, लेकिन शासन से बजट न मिलने के कारण उन्हें योजनाओं का कोई लाभ नहीं मिल पाया। मौलागढ़ निवासी आशीष ने बताया कि वह बहजोई स्थित कार्यालय में गया था वहां जानकारी मिली कि नील क्रांति योजना के लिए बजट का आवंटन शासन से नहीं मिल पाया है इसलिए उक्त योजना के तहत उन्हें कोई भी लाभ नहीं मिल सकता। राकेश का कहना है कि कश्यप समाज के लोगों को वित्तीय वर्ष 2016-17 में शासन द्वारा बजट जनपद कार्यालय को न भेजे जाने के कारण चल रहीं योजनाओं को कोई भी लाभ नहीं मिल सकता है।
शासन द्वारा चलाई गई नील क्रांति योजना के तहत बजट का प्रस्ताव भेजा गया था, लेकिन शासन द्वारा बजट उपलब्ध न होने के कारण योजना का क्रियान्वयन नहीं किया जा सका।
पूरनलाल, प्रभारी सहायक निदेशक मत्स्य एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी सम्भल।