निर्धन कन्याओं का कराया सामूहिक विवाह
बहजोई: भारत विकास परिषद के तत्वावधान में निर्धन कन्याओं का सामूहिक विवाह समारोह धूमधाम के साथ सम्
बहजोई: भारत विकास परिषद के तत्वावधान में निर्धन कन्याओं का सामूहिक विवाह समारोह धूमधाम के साथ सम्पन्न हुआ। इस दौरान 13 निर्धन कन्याएं दाम्पत्य जीवन में बंध गईं। नगर में धूमधाम से दूल्हों की सामूहिक बारात निकली, जिसका नागरिकों ने जगह-जगह पुष्पवर्षा करके स्वागत किया।
सोमवार को नगर के वाष्र्णेय इंटर कालेज परिसर में सामूहिक विवाह समारोह आयोजित हुआ। नगर में दूल्हों की सामूहिक बारात निकाली गई। बारात इस्लामनगर रोड से शुरू होकर ब्रहमबाजार, नारायन टोला, आर्यसमाज रोड, सम्भल रोड, पुराना बाजार, सर्राफा बाजार, नया बाजार, ऊपरकोट होती हुई विद्यालय प्रांगण में जाकर समाप्त हुई। समारोह में जनपद के अलावा गैर जनपद निवासी तेरह निर्धन कन्याएं दाम्पत्य जीवन में बंध गईं। मंत्रोच्चारण के बीच सात फेरे लिये गये। इस मौके पर परिषद सदस्यों के अलावा परिजनों ने नवदंपती को आशीर्वाद दिया। विवाह की रस्म अदायगी पूरी होने पर विदा के समय परिषद के अलावा नगरवासियों की ओर से सभी जोड़ों को उपहार, बर्तन, पलंग, कपड़े आदि दिये गये। नगर पालिका अध्यक्ष कमल वाष्र्णेय समेत तमाम लोगों ने आशीर्वाद देने के साथ जीवन भर एक-दूजे के साथ रहने की बात कही। इस अवसर पर नीटू कठेरिया, हृदेश सरपंच, रूपक वाष्र्णेय, राजेश शंकर राजू, हरीश सर्राफ, संज व निराला, मेहुल वाष्र्णेय, देवेन्द्र कुमार मऊ, जेपी, अमित आर्य, दीपक आर्य, भूशंकर गुप्ता आदि उपस्थित थे।
ये बंधे विवाह बंधन में
बहजोई: समारोह में पूजा कैथल संग वंटी कुमार चंदौई, अनीता राजपुर संग पुष्पेंद्र कुमार बरौली, ममता कुमारी चन्दौसी संग रोहताश नूरपुर, आरती श्रीनगर कनेटा संग डालचंद्र विसारू, विनीता पैगाभीकमपुर बिसौली संग देवपाल थानपुर, पूनम बनियाखेड़ा संग प्रेमशंकर सिरोली, प्रवेश इस्लामनगर संग राजीव कुढ़फतेहगढ़, कविता पैगारफतपुर संग सुभाष सिचौली, चंद्रकांता बनियाखेड़ा संग राजेंद्र कुमार सोरो कासगंज, ¨पकी बहजोई संग न टू रजवाने जुनावई, नेहा कुमारी कैथल संग वीरेश मुकरंदपुर बिसौली, सुनीता बहजोई संग सुखवीर पाठक बैहटा, रीना बहजोई संग राजू सहसवान का विवाह संपन्न हुआ।
वर्ष 2007 में शुरू हुआ था आयोजन
बहजोई: हिन्दू मान्यताओं के अनुसार जिन्दगी में कन्यादान का सौभाग्य किस्मत वालों को ही प्राप्त होता है। कन्यादान सामान्य दान के समान नहीं है। इसका अर्थ बड़ा ही गहरा एवं महान है, कन्यादान का वास्तविक
अर्थ है जिम्मेदारी को सुयोग्य हाथों में सौंपना। यही पावन पुनीत कार्य भारत विकास परिषद द्वारा नगर में पिछले कई वर्षों से किया जा रहा है। परिषद ने यह शुरुआत वर्ष 2007 से शाखा अध्यक्ष सोमप्रकाश वाष्र्णेय के नेतृत्व में चार जोड़ों की शादी कराकर की थी। इसकी समाज के हर वर्ग ने सराहना की। सोमवार
को परिषद ने यह आयोजन किया, जिसमें 13 जोड़ों की शादी करायी गयी। परिषद के लोग बड़ी धूमधाम से इस आयोजन को करते हैं तो समाज के लोग व जनप्रतिनिधि भी इसमें अपनी सहभागिता कर बढ़-चढ़कर दान करते हैं। परिषद द्वारा विवाह स्थल पर विवाह संस्कार में देव पूजन, यज्ञ आदि से संबंधित सभी व्यवस्थाएं पहले से बनाकर रखी जाती हैं। रस्मों रिवाज में किसी प्रकार की कमी न रह जाये इसलिए दूल्हों की बारात निकाली जाती है, जिसमें परिषद के सभी पदाधिकारी व सदस्यों के अलावा नागरिक भी बारात में साथ-साथ गाजे-बाजों के साथ चलते हैं। लोग विवाह स्थल पर पहुंचकर अपनी क्षमता के अनुसार दान करते हैं।