मानो आसमां से धरती ने कहा स्वागतम्..
बहजोई । सोमवार को तड़के से ही कोहरा छाने लगा, प्रात: साढे दस बजे तो मानो आसमान ही धरती पर उतर आया, चौ
बहजोई । सोमवार को तड़के से ही कोहरा छाने लगा, प्रात: साढे दस बजे तो मानो आसमान ही धरती पर उतर आया, चौतरफा सफेदी ही सफेदी हो गई, कोहरे की सफेदी देखकर ऐसा प्रतीत हो रहा था कि मानो धरती और आसमान का मिलन हो रहा है और आसमान धरती से मिलने के लिए बढ़ी तेजी के साथ नीचे की ओर आ रहा है और धरती कह रही हो स्वागतम्..स्वागतम्..स्वागतम्.।
शीतकालीन का पहला कोहरा तड़के से ही नगर एवं आसपास के क्षेत्रों में छाने लगा, जोकि पूरे दिन छाया हुआ था, जिसके कारण बसों और रेल यातायात प्रभावित रहा, वहीं लोगबाग अपने घरों में दुबके रहे शाम ढलने से पूर्व ही कोहरे में गुम हो गयी, कोहरे की बूंदों से नगर की रेलवे रोड, सर्राफा बाजार, पुराना बाजार, संभल रोड, ब्रहमबाजार, नया बाजार, ऊपरकोट, गोलागंज आदि सड़कें गीली हो गई। शाम ढलते ही शुरू हुए कोहरे ने रात दस बजे तक नगर तथा आसपास के इलाकों को पूरी तरह से अपने आगोश में ले लिया, सड़कों पर चारों ओर सफेदी ही सफेदी नजर आ रही थी, सड़कों पर भरपूर पथप्रकाश के बाबजूद रोशनी न के बराबर दिखाई दे रही थी, जिसके साथ ही अजीब सी खामोशी थी, कोहरे की सफेदी के बीच रेलवे स्टेशन तक स्पष्ट नजर नहीं आ रहा था।