सहारनपुर के बडग़ांव इलाके में फ्लैग मार्च, अघोषित कर्फ्यू जैसे हालात
सहारनपुर के बडग़ांव क्षेत्र में जातीय हिंसा के 48 घंटे बाद शांति है लेकिन माहौल तनावपूर्ण है। बडग़ांव में अघोषित कफ्र्यू जैसे हालात हैं।
सहारनपुर (जेएनएन)। शब्बीरपुर गांव में बसपा सुप्रीमो मायावती के दौरे के दौरान बडग़ांव क्षेत्र में जातीय हिंसा के 48 घंटे बाद शांति तो है लेकिन माहौल तनावपूर्ण है। गांव शब्बीरपुर, महेशपुर, चन्द्रपुरा व बडग़ांव में अघोषित कर्फ्यू जैसे हालात हैं। आसपास के कई गांवों में भी विशेष सतर्कता बरती जा रही है। आज प्रभावित क्षेत्रों में पुलिस ने फ्लैग मार्च किया। प्रमुख सचिव गृह व एडीजी कानून-व्यवस्था ने शब्बीरपुर में घर-घर जाकर ग्रामीणों से शांति की अपील की। उधर, सांसद पीएल पुनिया व पूर्व केंद्रीय मंत्री कुमारी शैलजा को प्रभावित गांवों में जाने की इजाजत प्रशासन ने नहीं दी।
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मेरठ से आरएएफ बुलाई
खुफिया विभाग के इनपुट के मुताबिक, शब्बीरपुर से सटे सात गांवों में कभी भी हिंसा भड़क सकती है। इन गांवों में दलित और ठाकुरों की मिलीजुली आबादी है। प्रमुख सचिव गृह ने बताया कि हिंसा भड़कने की आशंका के मद्देनजर मेरठ से रैपिड एक्शन फोर्स के 400 जवान सहारनपुर भेजे गए हैं। दूसरी ओर जिम्मेदार लोगों के प्रयास से कई गांवों में शांति समिति की बैठकों का आयोजन किया गया। इनमें भाईचारे का संकल्प लिया गया। साथ ही अफवाहों पर ध्यान न देने की अपील की गई।
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हटाए गए एसडीएम रामपुर मनिहारन
पांच मई को शब्बीरपुर में आला अफसरों के संज्ञान में लाए बिना विचार गोष्ठी करने की अनुमति देने वाले एसडीएम रामपुर मनिहारन मनोज को हटाकर वाराणसी भेज दिया गया है। उनके साथ बेहट के एसडीएम सुरेश चंद का भी तबादला हुआ है। संगीता व योगराज नए एसडीएम भेजे गए हैं।
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निर्दोष है मेरा बेटा : कमलेश
भीम आर्मी का मुखिया चंद्रशेखर आजाद उर्फ रावण सियासी और प्रशासनिक हल्के में सनसनी बना है, लेकिन उसकी मां कमलेश का कहना है कि पुलिस बेवजह बेटे के पीछे पड़ी है। उसने तो किसी को कभी कांटा भी नहीं चुभोया। पेशे से अधिवक्ता भीम आर्मी के मुखिया चंद्रशेखर आजाद का परिवार छुटमलपुर की दलित कालोनी के गली-2 में रहता है। दैनिक जागरण से बातचीत में चंद्रशेखर की मां कमलेश ने कहा कि चंद्रशेखर को पकडऩे के लिए पुलिस तीन बार घर पर दबिश दे चुकी है। गर्व है कि बेटा समाज के लिए काम कर रहा है। चंद्रशेखर हर किसी की मदद के लिए तैयार रहता है। उसके पिता की छह साल पहले मृत्यु हो गई थी। तीनों बेटों ने मिलकर ही घर संभाला। उन्होंने बताया कि नौ तारीख के बाद से ही उनकी चंद्रशेखर से बात नहीं हुई। चंद्रशेखर की बहन पूनम को भी भाई की चिता है। कहा कि भाई निर्दोष है। हमेशा सबकी मदद ही करता है।
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दो वर्ष पहले बनी भीम आर्मी
भीम आर्मी का गठन चंद्रशेखर आजाद रावण ने 21 जुलाई 2015 को किया था। गांव के स्कूलों में समाज के बच्चों के उत्पीडऩ के खिलाफ शुरुआत में संगठन ने आवाज उठाई। चंद्रशेखर के बड़े भाई भगत सिंमह आजाद ने बताया कि धीरे-धीरे जिले भर से लोग संगठन से जुड़ते चले गए। आपस में चंदा कर लोगों की मदद करते हैं। कुछ लोग अनाज भी देते हैं, जिससे समाज के गरीब लोगों की मदद की जाती है। कई गांवों में समाज के बच्चों की शिक्षा के लिए सेंटर भी चला रखे हैं। यहां आने वाले बच्चों को समाज के लोग ही पढ़ाते हैं।
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भीम आर्मी संस्थापक का परिवार
- पिता : स्व. गोवर्धन दास, अध्यापक।
- माता : कमलेश
- भाई : तीन भाई भगत सिंह आजाद, चन्द्रशेखर आजाद, कमल किशोर
- बहन : प्रतिभा, प्रतिमा व पूनम। सभी विवाहित।
- निवास : दलित बस्ती, छुटमलपुर।
- मूल निवासी : उत्तराखंड के हरिद्वार जिले के भगवानपुर अंतर्गत दादा पट्टी के रहने वाले हैं। 40 वर्ष से छुटमलपुर में बसे हैं।