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सहारनपुर में चंदा वसूली को लेकर दलित संगठन आमने-सामने

पांच बार जातीय हिंसा से झुलसे सहारनपुर में फिलहाल शांति है, पर करोड़ों रुपये की चंदा वसूली को लेकर दलित संगठनों मेंं तलवार खिंच गयी हैं।

By Nawal MishraEdited By: Published: Thu, 22 Jun 2017 10:44 PM (IST)Updated: Thu, 22 Jun 2017 11:11 PM (IST)
सहारनपुर में चंदा वसूली को लेकर दलित संगठन आमने-सामने
सहारनपुर में चंदा वसूली को लेकर दलित संगठन आमने-सामने

सहारनपुर (जेएनएन)। पांच बार जातीय हिंसा से झुलसे सहारनपुर में फिलहाल शांति है, पर करोड़ों रुपये की चंदा वसूली को लेकर भीम आर्मी, निगाहें संगठन, बहुजन राहत मंच, युवा शक्ति दल समेत कई दलित संगठनों के पदाधिकारियों मेंं तलवार खिंच गयी हैं। निगाहें संगठन के अध्यक्ष नवाब सतपाल तंवर की ओर से उनकी पीआरओ सीमा चौहान ने गुरुवार को प्रेस बयान जारी किया है। बयान में कहा है कि सतपाल ने 18 जून को दिल्ली जंतर मंतर पर प्रदर्शन के लिए बहुजन राहत मंच के अध्यक्ष बालक राम बौद्ध व पदाधिकारी कल्याण ङ्क्षसह पर करोड़ों रुपये बटोरने का आरोप लगाया है। बहुजन राहत मंच और युवा शक्ति दल फर्जी संस्थाएं हैं जो भाजपा व आरएसएस के इशारे पर काम कर रही हैं। 18 जून के प्रदर्शन के बाद भीम आर्मी और निगाहें संगठन की राहें जुदा हो गई हंै। उन्होंने सहारनपुर व गाजियाबाद पुलिस को इस बारे में लिखित शिकायत करने का भी दावा किया है।

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बालक राम का पलटवार

बहुजन राहत मंच के अध्यक्ष बालक राम बौद्ध का कहना है कि भीम आर्मी के नाम पर सतपाल तंवर ने करोड़ों की चंदा वसूली की है। पुलिस की जांच से बचने के लिए वह झूठ बोल रहे हैं। 18 जून के प्रदर्शन दौरान बॉक्स में करीब 12 लाख रुपये एकत्र हुए। चन्द्रशेखर की मां के सामने यह बॉक्स खोला गया। किसी भी राजनीतिक संगठन से उनका या कल्याण सिंह का कोई मतलब नहीं। एसएसपी बबलू कुमार ने कहा कि इस संबंध में मुझसे किसी की भी बात नहीं हुई है। एक दिन अनजान नंबर से फोन कर सतपाल तंवर ने मुझसे मिलकर अपना पक्ष रखने की बात कही थी, लेकिन वह नहीं आये।

रिहाई को महिलाओं ने थाना घेरा

बडग़ांव इलाके के शब्बीरपुर हिंसा में चंदपुर गांव से जेल भेजे गए 13 निर्दोष लोगों की रिहाई की मांग को ठाकुर समाज की सैकड़ों महिलाओं ने गुरुवार को थाने का घेराव कर नारेबाजी व प्रदर्शन किया। चेतावनी दी कि इंसाफ न मिलने पर सोमवार को धरना देंगे। सोशल मीडिया पर भड़काऊ पोस्ट करने का आरोप झेल रही भीम आर्मी गुरुवार को खुद अफवाहों की चपेट में आ गई। सोशल मीडिया व चैनलों पर प्रसारित खबर के अनुसार भीम आर्मी के मुखिया चंद्रशेखर आजाद उर्फ रावण के परिजनों को संगठन से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया है। हालांकि आर्मी के जिला मीडिया प्रभारी इस तरह की खबरों को निराधार बता रहे हैं। 


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