चहेतों को टेंडर के लिए बदल रहे नियम
सहारनपुर : राजकीय आश्रम पद्धति विद्यालय में भोजन आपूर्ति के लिए चल रहे टेंडर प्रक्रिया पर सवाल उठने
सहारनपुर : राजकीय आश्रम पद्धति विद्यालय में भोजन आपूर्ति के लिए चल रहे टेंडर प्रक्रिया पर सवाल उठने लगे हैं। अधिकारी एक ऐसी फर्म के नाम टेंडर छोड़ने की तैयारी में हैं, जिसे भोजन में अनियमितता के कारण प्रतिबंधित किया जा चुका है।
जनपद में दो राजकीय आश्रम पद्धति विद्यालयों का संचालन समाज कल्याण विभाग द्वारा किया जा रहा है। पुंवारका में स्थित बालिका विद्यालय में भोजन आपूर्ति के लिए 18 अक्टूबर को टेंडर निकाला गया था, जबकि पूर्व में बिना टेंडर के ठेका दे दिया गया था। जिस राजकीय आश्रम पद्धति बालिका विद्यालय पुंवारका का टेंडर समाज कल्याण विभाग द्वारा निकाला जा रहा है, उसमें वर्ष 2011 यानि विद्यालय आरंभ होने के बाद से एक ही कैट¨रग कंपनी के पास भोजन आपूर्ति का ठेका है। टेंडर प्रक्रिया को लेकर एक फर्म ने डीएम के यहां शिकायत की है। चौधरी एंटरप्राइजेज नामक कंपनी ने डीएम से शिकायत की है कि जिला समाज कल्याण अधिकारी अपने चहेते फर्म को टेंडर देने के लिए केवल स्थानीय फर्मों को शामिल होने की स्वीकृति दी है जबकि किसी भी टेंडर में संबंधित कार्य का अनुभव व रजिस्ट्रेशन रखने वाली प्रदेश के किसी भी जिले की फर्म भाग ले सकती है। शिकायतकर्ता का कहना है कि जब से आश्रम पद्धति विद्यालय पुंवारका चल रहा है तभी से भोजन आपूर्ति का ठेका मारुति कैटरर्स नामक कंपनी के पास है, ऐसे में कोई दूसरा यहां दो साल का अनुभव कैसे रख सकता है। मगर इस बार ऐसी शर्त रखी गई है जो पूरी तरह गलत है इसकी जांच की जाए। डीएम एमएस कमाल ने बताया कि इस बाबत सीडीओ से रिपोर्ट मांगी गई है।
इनका कहना है..
टेंडर की शर्तें कमेटी द्वारा बनाई गई हैं। दूसरा यह कि जब तक कोई कार्य पूरा नहीं हो जाता तब तक उसे सही या गलत कह पाना किसी भी दशा में उचित नहीं है। इसलिए शिकायतकर्ता की शिकायत ही गलत है।
यश कुमार, प्रभारी समाज कल्याण अधिकारी।