लखनौती में निर्माण को लेकर दो पक्षों में पथराव, हंगामा
देवबंद (सहारनपुर) : विवादित जमीन पर निर्माण को लेकर दलितों के बीच हुए पथराव व खूनी संघर्ष में महिला
देवबंद (सहारनपुर) : विवादित जमीन पर निर्माण को लेकर दलितों के बीच हुए पथराव व खूनी संघर्ष में महिलाएं समेत आधा दर्जन लोग घायल हो गए। एक पक्ष के लोगों ने बिटौड़ों में आगजनी कर जमकर तांडव मचाया। पुलिस ने दोनों पक्षों को समझाकर स्थिति को नियंत्रण में किया।
कोतवाली क्षेत्र गांव लखनौती के दलित खाली पड़ी जमीन पर भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा स्थापित करना चाह रहा था। जिसका गांव का दूसरा पक्ष विरोध कर रहा था। प्रतिमा लगाने का विरोध कर रहे दिनेश पक्ष के लोग जमीन की चारदीवारी कर रहे थे। इसी दौरान वहां पहुंचे अमित पक्ष के लोगों ने दीवार को उखाड़ना शुरू कर दिया। जिसके बाद दोनों पक्षों के लोग आमने सामने आ गए और देखते ही देखते पथराव शुरू हो गया। दोनों ओर से हुए खूनी संघर्ष में महिला संतोष, पूनम, लाला, राकेश, शुभम और दिनेश समेत करीब आधा दर्जन लोग घायल हो गए। एक पक्ष ने जमीन पर रखे बिटौड़े को आग के हवाले कर दिया। जिससे गांव में अफरा-तफरी मच गई। गांव में पथराव की सूचना मिलते ही सीओ वाईपी ¨सह और प्रभारी निरीक्षक आरएन यादव पुलिस बल के साथ गांव पहुंचे और लोगों को दौड़ा घरों में घुसा दिया। पुलिस ने दोनों पक्षों के कई लोगों को हिरासत में लिया। वहीं घायलों को यहां के सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया। प्रभारी निरीक्षक ने बताया कि दोनों पक्षों की तहरीर पर मामले की जांच की जा रही है। गांव का माहौल खराब करने वाले असामाजिक तत्वों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। गांव में तनाव को देखते हुए पुलिस बल तैनात कर दिया गया है।
दोनों पक्षों ने एक दूसरे पर लगाए आरोप
दलितों का कहना है कि दिनेश पक्ष के लोग गांव की बंजर भूमि पर अवैध कब्जा कर रहा है। जबकि दलित समाज उक्त भूमि पर अंबेडकर की प्रतिमा स्थापित करना चाहता है। वहीं, दिनेश पक्ष के लोगों ने बताया कि उक्त प्लाट 25 वर्ष पूर्व उनके नाम आवंटित की गई थी।
महिलाओं ने प्रशासन पर लगाया आरोप
लखनौती गांव में दलितों में हुए खूनी संघर्ष में अमित पक्ष की महिलाओं ने ग्राम समाज की भूमि पर अवैध कब्जा के विरोध में प्रशासन के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारी महिला संयोगिता, ममता, चंद्रो, प्रमिला, जमना, महेंद्री, मनीषा, इंद्रा, ¨पकी, सुदेश करतारी आदि का आरोप है कि शिकायत के बाद भी प्रशासन ने सरकारी जमीन से कब्जा नहीं हटवाया। जिसके चलते गांव में टकराव के हालात पैदा हो गए। उल्टे उन्हीं के लोगों को कब्जे की शिकायत पर कोतवाली में बैठा दिया गया। वहीं, सरकारी अस्पताल में उपचार के दौरान चिकित्सकों के साथ अभद्रता कर रहे एक नेता को पुलिस ने हिरासत में लेकर कोतवाली में बैठा दिया।