इससे बेहतर जवाब नहीं दिया जा सकता : सूरी
सहारनपुर : भारतीय सेना की ओर से वर्ष 1971 की जंग लड़ चुके रिटायर्ड मेजर एसके सूरी ने कहा कि सर्जिकल ऑ
सहारनपुर : भारतीय सेना की ओर से वर्ष 1971 की जंग लड़ चुके रिटायर्ड मेजर एसके सूरी ने कहा कि सर्जिकल ऑपरेशन सेना और देश के नागरिकों के मनोबल को बढ़ाने वाला कदम है। पाकिस्तान को इससे बेहतर जवाब नहीं दिया जा सकता था। कहा कि वाकई सेना की इस कार्रवाई ने उन्हें 1971 की जंग की याद दिला दी है। सूरी ने बताया कि 1971 में उन्हें दस जवानों की टुकड़ी का कमांडर बनाकर एक हेलीकॉप्टर से चार सितंबर को ढाका से 40 किमी पहले चिटगांव के पास उतारा गया था। रात होने वाली थी। उन्हें कहा गया था कि उन्हें पाकिस्तानी सेना की लाइन काटनी है, ताकि उनके पास सड़क मार्ग से खाद्य रसद न पहुंच सके, जबकि आधिकारिक तौर पर जंग का एलान चार दिसंबर को हुआ था। हमें इस बात की जानकारी थी कि दुश्मन की पूरी एक बटालियन है, इसलिए पाक सेना को भ्रम में डालने के लिए हेलीकॉप्टर ने रात में 5-6 चक्कर लगाए थे। चूंकि उनकी वह जंग पाकिस्तानी जवानों से थी। इससे दुश्मन सेना को यह अंदाजा हो गया था कि हम 100-150 जवान हैं और हमने पूरे एक किलोमीटर एरिया कवर किया था। इस बीच मुक्ति वाहिनी हमारी मदद करती रही और पाकिस्तानी सेना के किसी भी वाहन को उधर से गुजरने नहीं दिया गया। उन्होंने कहा कि आज हमारे जांबाज कमांडो ने आतंकी शिविरों को तहस-नहस कर देश का सीना गर्व से चौड़ा कर दिया है।