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नाम का मेडिकल कालेज, उपचार ना बाबा ना..

सहारनपुर : कहने को तो सहारनपुर में हायर सेंटर जैसी सुविधाओं से लैस मेडिकल कालेज भी है। जहां पर बकायद

By Edited By: Published: Tue, 28 Jun 2016 10:49 PM (IST)Updated: Tue, 28 Jun 2016 10:49 PM (IST)
नाम का मेडिकल कालेज, उपचार ना बाबा ना..

सहारनपुर : कहने को तो सहारनपुर में हायर सेंटर जैसी सुविधाओं से लैस मेडिकल कालेज भी है। जहां पर बकायदा विशेषज्ञ चिकित्सकों की फौज भी तैनात है और महंगे-महंगे चिकित्सीय उपकरणों भी मौजूद है, लेकिन यहां विशेषज्ञों की टीम कर क्या रही ह,ै इसका किसी को कुछ नहीं पता। हैरानी की बात तो यह है कि मेडिकल कालेज में जहर खाने वाले मरीज का उपचार करने को भी यहां के काबिल चिकित्सक हाथ खड़े कर देते है। ऐसा ही एक मामला सोमवार रात सामने आया है। जब जहरीले पदार्थ का सेवन करने वाले मरीज को मेडिकल कालेज से जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया।

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सोमवार शाम शेखुल ¨हद मौलाना महमूद हसन राजकीय मेडिकल कालेज से सटे पिलखनी गांव में एक किशोरी ने जहरीले पदार्थ का सेवन कर लिया। जिसे तुरंत मेडिकल कालेज में भर्ती कराया गया, लेकिन यहां पर मरीज को उपचार देने के लिए डाक्टरों ने हाथ खड़े कर दिये। चिकित्सकों ने मरीज को भर्ती करने के बजाय उसे जिला अस्पताल रेफर कर दिया। परिजन किशोरी को गंभीर हालत में जिला अस्पताल लेकर पहुंचे, लेकिन यहां पर उसकी मौत हो गई। किशोरी की मौत ने मेडिकल कालेज में मरीजों को मिलने वाली हायर सेंटर जैसी सुविधाओं को ही सवालों के घेरे में खड़ा कर दिया। सवाल यह है कि मेडिकल कालेज में पहुंचने वाले मरीजों को किस स्तर का उपचार मिल रहा है? यदि मरीजों को सभी सुविधाएं मिलती है तो किशोरी को उपचार देकर उसकी जान बचाने का प्रयास क्यों नहीं किया गया? डाक्टर ने मेडिकल कालेज से किशोरी को जिला अस्पताल क्यों रेफर किया, जबकि यहां तो उससे भी बुरा हाल है? ये कुछ ऐसे सवाल है जो स्वास्थ्य अधिकारियों से जवाब मांग रहे है।

शाम ढ़लते ही छा जाता है सन्नाटा

मेडिकल कालेज में हाल यह है कि यहां शाम ढलते ही सन्नाटा पसर जाता है। किस मरीज को कहां भर्ती किया जाता है, यह बताने वाला भी कोई नहीं रहता। मरीज को जिस वार्ड में भर्ती किया जाता है, वहां भी अंधेरा छाया रहता है। आलम यह है कि एक फ्लोर से दूसरे फ्लोर तक जाने के लिए सीढि़यों पर भी लाइट की कोई व्यवस्था नहीं होती। जिस कारण तीमारदारों को रात भर परेशानियों का सामना करना पड़ता है।

इन्होंने कहा

मेडिकल कालेज से जिला अस्पताल में मरीज को रेफर करना बड़ी लापरवाही है। मरीज को क्यों रेफर किया गया, इसकी जांच की जाएगी। जांच के बाद कार्रवाई होगी।

डा. संजय यादव, सीएमएस मेडिकल कालेज सहारनपुर।


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