दलितों के सहारे नैया पार लगाने की कोशिश
संदीप चौधरी, देवबंद (सहारनपुर) विधानसभा सीट के लिए मचे सियासी घमासान में हर दलों की निगाह दलित वोट
संदीप चौधरी, देवबंद (सहारनपुर)
विधानसभा सीट के लिए मचे सियासी घमासान में हर दलों की निगाह दलित वोट की ओर लग गई है। बसपा द्वारा मैदान में कोई भी प्रत्याशी न उतारने के कारण दलित वोटों की अहमियत बढ़ गई है, जिसके चलते विकास, साम्प्रदायिक सद्भाव व दलितों को साथ लेकर चलने की बात करते हुए सियासी दल दलित वोट पर निशाना साध रहे हैं। इतना ही नहीं अल्पसंख्यक समुदाय के बाद सीट पर दलित मतों की संख्या दूसरे नंबर पर है। जिस कारण दलित वोट पाने के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं।
विधानसभा सीट के लिए होने वाले चुनाव में एक सप्ताह का समय शेष रह गया है। जैसे-जैसे मतदान की घड़ी नजदीक आ रही है प्रत्याशियों की धड़कने बढ़नी शुरू हो गई हैं। देवबंद विधानसभा सीट पर उपचुनाव में दावेदारी ठोक रहे प्रत्याशी व उनके आका हर हाल में निर्णायक भूमिका निभाने वाले दलित वोटों को अपने पाले में करने में कोई कसर बाकी नहीं छोड़ना चाहते, क्योंकि देवबंद विधानसभा सीट पर अल्पसंख्यक समुदाय के बाद दलित वोटों दूसरे नंबर पर है। इतना ही नहीं उपचुनाव में बसपा द्वारा प्रत्याशी न उतारे पर जाने पर दलित वोटों की अहमियत बढ़ गई है, क्योंकि दलित बसपा का परंपरागत वोट बैंक माने जाते हैं। उपचुनाव में ताल ठोक रहे प्रत्याशी दलित वोटरों को लुभाने के लिए बड़े-बड़े वायदे करने से भी पीछे नहीं हट रहे हैं।
मुस्लिम-दलित समीकरण साधने की कोशिश
उपचुनाव में सियासी दल अल्पसंख्यक-दलित समीकरण साधने की कोशिश में जुटे हैं। सपा द्वारा जहां काजी रशीद मसूद, शाहिद मंजूर द्वारा अल्पसंख्यक वोटरों को अपने पाले में करने की कोशिश की जा रही हैं, वहीं साहब ¨सह सैनी के सहारे दलित वोटों को साधने की कोशिश की जा रही है। यहीं हाल भाजपा व कांग्रेस का भी है। कांग्रेस ने अल्पसंख्यक मतों को साधने के लिए इमरान मसूद को मैदान में उतारा है तो हाल ही में पालिकाध्यक्ष माविया अली ने दलितों की मांग पर नवनिर्मित देवीकुंड रोड का नाम बाबा भीमराव अंबेडकर कर दलितों को उनका हितैषी होने का संदेश दिया है।
यह है मतों की स्थिति
अल्पसंख्यक 110000
दलित 78000
राजपूत 34000
गुर्जर 28000
त्यागी 27000
अन्य 58000
कुल 335000।