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समझनी होगी तकनीक की संवेदनशीलता

अपराध भी हो सकते हैं जाने-अनजाने व्यक्त किए गए उद्गार सहारनपुर : हर चीज के सकारात्मक और नकारात्मक

By Edited By: Published: Tue, 06 Oct 2015 12:14 AM (IST)Updated: Tue, 06 Oct 2015 12:14 AM (IST)
समझनी होगी तकनीक की संवेदनशीलता

अपराध भी हो सकते हैं जाने-अनजाने व्यक्त किए गए उद्गार

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सहारनपुर : हर चीज के सकारात्मक और नकारात्मक पहलू होते हैं। यह बात टेक्नोलॉजी के इस युग में भी सार्थक है। टेक्नोलॉजी ने हजार लोगों के काम को व्यक्ति विशेष तक सीमित करके रख दिया। इसके फायदे गिनाने जितने मुश्किल हैं तो नुकसान की गणना भी सरल नहीं। बात सिर्फ सोशल साइट्स की ही करें तो लगता है कि इनके माध्यम से हम एक-दूसरे से संपर्क में हैं और मित्रों की फेहरिस्त भी खासी लंबी लगती है, लेकिन सोशल साइट्स का यह जाल व्यक्ति को एक अपराध की ओर भी ले जा सकता है। अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के नाम पर जाने-अनजाने व्यक्त किए गए उद्गार अपराध भी हो सकते हैं। इससे किसी की धार्मिक भावना आहत हो सकती है तो किसी की अस्मिता पर सवाल खड़ा हो जाता है। यह सब तब होता है जब हम टेक्नोलॉजी और इंटरनेट की संवेदनशीलता को नहीं समझते। इसलिए हमेशा इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि हम इंटरनेट को किस तरह से इस्तेमाल कर रहे हैं। जिस तरह से सड़क पर चलते वक्त हमें सामने ही नहीं, बल्कि चारों ओर ध्यान रखना होता है, कुछ इसी तरह से इंटरनेट पर भी ध्यान रखने की जरूरत होती है। - कनिका

जरूरत व मनोरंजन से बहुत आगे बढ़ चुका है इंटरनेट

गत वर्षो के बदलाव को अगर देखा जाए तो इंटरनेट जरूरत और मनोरंजन से अब बहुत आगे बढ़ चुका है। जीवन को सरलतम् बनाने का यह माध्यम अब एक युद्ध का जनक भी बनता जा रहा है, जिसके हथियार हम सबके पास मोबाइल और लैपटॉप के रूप में उपलब्ध हैं। इन्हीं हथियारों के बल पर बीते कुछ वर्षो में घर बैठे-बिठाए कई ऐसी घटनाओं को अंजाम दिया गया, जिनसे न सिर्फ जनहानि हुई, बल्कि सांप्रदायिक सौहार्द को भी नुकसान पहुंचा। इन्हीं हथियारों के बल पर आज दुनिया के एक कोने में बैठा अकेला व्यक्ति दुनिया के किसी भी देश की सुरक्षा व्यवस्था से लेकर आमजन की जीवन रेखा कहे जाने वाले माध्यमों मसलन रेलवे, पेयजल प्रणाली, विद्युत वितरण प्रणाली आदि को नुकसान पहुंचा सकता है। - रितिका

इंटरनेट का मतलब स्टॉप, ¨थक एंड देन कनेक्ट

इंटरनेट को इस्तेमाल करने के लिए सबसे सुलभ साधन मोबाइल की अगर बात करें तो इसके माध्यम से आपके निजी जीवन में हर कोई झांक रहा है। मसलन अगर कोई गेम मोबाइल पर डाउनलोड करना चाहें तो गेम डेवलपर आपकी कॉन्टेक्ट बुक, गैलरी व अन्य डाटा में घुसने की अनुमति मांगता है। हममें से ज्यादातर लोग इसे बिना देखे अनुमति दे भी देते हैं, जिससे होता यह है कि अब उस गेम डेवलपर के पास आपका वह सब निजी, व्यावसायिक और पारिवारिक डाटा उपलब्ध है, जिसमें वह कभी भी घुसपैठ कर सकता है। यह आशंका तब और भी ज्यादा बढ़ जाती है, जब गेम डेवलपर किन्हीं असामाजिक तत्वों से जुड़ा हो। इसलिए जो करें ध्यान से करें। लिहाजा इंटरनेट से पहले स्टॉप, ¨थक एंड देन कनेक्ट। - ज्योति

मदद जरूर लें मगर आश्रित न रहें टेक्नोलॉजी पर

टेक्नोलॉजी से मदद जरूर लें मगर सिर्फ इसी पर आश्रित न रहें। इसे हमारी शारीरिक और मानसिक दोनों क्षमता का सही से उपयोग नहीं हो सकेगा। इसके अलावा हमे इसके उपयोग का दायरा भी सीमित रखना चाहिए। यहां पर कई चीजें अच्छी हैं तो कई बहुत बुरी हैं। इनसे हर किसी को बचना चाहिए। ताकि समाज ने जो हमें संस्कार सिखाएं हैं। वह जीवित रहें। फेसबुक पर देखने में आता है लोग तमाम तरह की अश्लील और भावनाओं को भड़काने वाली टिप्पणियां करने में लगे रहते हैं। यह हमारी असंवेदनशीलता का सूचक है। आइटी एक्ट का उल्लंघन करने पर हमें सजा भी हो सकती है। इस नाते हमें नियम-कायदे जानकर ही सोशल साइट्स का इस्तेमाल अपनी अभिव्यक्ति की आजादी के लिए करना चाहिए। - जानकी।


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