म़ुंडन संस्कार में खाने के बाद बस्ती में फैला संक्रामक रोग
बेहट (सहारनपुर) : तहसील क्षेत्र के गांव चाटकी में शुक्रवार की शाम एक परिवार में बच्चे के मुंडन संस्क
बेहट (सहारनपुर) : तहसील क्षेत्र के गांव चाटकी में शुक्रवार की शाम एक परिवार में बच्चे के मुंडन संस्कार में खाना खाकर दलित बस्ती के दर्जनों परिवारों के लगभग 100 महिला-पुरुषों व बच्चों की हालत बिगड़ गई। देर रात करीब 10 बजे सूचना मिलने पर पहुंची एंबुलेंस के स्टाफ ने जब गांव की स्थिति से विभागीय अधिकारियों को अवगत कराया तो हड़कंप मच गया। कई 108 एंबुलेंस लगभग 30 पीड़ितों को लेकर रात 11 बजे सीएचसी पहुंचीं और रोगियों का उपचार शुरू हुआ। इनमें से 25 को जिला अस्पताल के लिए रेफर कर दिया गया।
गांव चाटकी के एक दलित परिवार में बच्चे का मुंडन संस्कार शुक्रवार की शाम हुआ था। इस अवसर पर बस्ती के परिवारों को खाने पर भी बुलाया गया था। सभी लोग खाने में बने दाल-चावल खाकर अपने घरों को चले गए। रात करीब 10 बजे एक-एक कर सभी की हालत बिगड़ने लगी। उल्टी-दस्त और बुखार एक साथ पूरी बस्ती में फैल जाने से लोगों में दहशत पैदा हो गई। किसी ने 108 एंबुलेंस को फोन किया। करीब 10.30 बजे एंबुलेंस गांव में पहुंची। उस समय वहां अफरा-तफरी मची हुई थी। एंबुलेंस स्टाफ हालात को देखते हुए ब्लाक सरसावा, मुजफ्फराबाद व जिला मुख्यालय सर्किट हाऊस की 108 एंबुलेंस को भी चाटकी पहुंचने को कहा। ठीक 11 बजे बेहट की एंबुलेंस करीब 7 पीड़ितों को लेकर सीएचसी पहुंची। इसके बाद यह एंबुलेंस गांव वापस चली गई, तब तक अन्य सभी 108 एंबुलेंस भी गांव पहुंच चुकी थीं। लगभग 12.30 बजे तक इस संक्रामक रोग की चपेट में आए लगभग 35 महिला-पुरुष व बच्चे सीएचसी पहुंचाए जा चुके थे। उस समय सीएचसी पर उपलब्ध एक चिकित्सक मोहम्मद उस्मान, स्टाफ नर्स संध्या, वार्ड ब्वाय विनोद कुमार व स्वीपर बाबूराम इन सभी रोगियों के उपचार में जुटे हुए थे।
सीएचसी के अधीक्षक डा. नितिन कुमार को रात 11.10 पर फोन से पूरे हालात की सूचना दे दी गई थी। लेकिन वह 2 बजे सीएचसी पहुंचे। बताया गया कि वह बादशाही बाग रहते हैं, जो बेहट से लगभग 17 किमी दूर है। अधीक्षक के पहुंचने के बाद 25 पीड़ितों को स्थिति गंभीर समझते हुए जिला अस्पताल के लिए रेफर कर दिया गया। रोगियों को लेकर आई एंबुलेंस स्टाफ का कहना था कि गांव में इस रोग से पीड़ित तो बहुत हैं, लेकिन वह नहीं आए हैं।
3 घंटे बाद भी सीएचसी नहीं पहुंचा कोई उच्चाधिकारी
बेहट : रात्रि में 10.30 बजे 108 एंबुलेंस स्टाफ के बाद पूरे घटनाक्रम की खबर अधिकारियों तक को लग चुकी थी। लेकिन रात्रि 2 बजे तक भी स्वास्थ्य विभाग का कोई उच्चाधिकारी अथवा टीम सीएचसी या गांव में नहीं पहुंची थी। यहां तक ही सीएचसी प्रभारी भी 1.30 बजे तक मोबाइल फोन पर ही पीड़ितों का उपचार करते रहे। सीएचसी की महिला चिकित्सक का तो मोबाइल ही स्विच आफ था। वह तो शनिवार की सुबह पहुंची। लगभग 1.30 बजे एसडीएम के स्टाफ ने सीएचसी पहुंच कर हालात की जानकारी के बाद एसडीएम को फोन पर सूचित किया। लगभग 3 बजे एसडीएम शीतल प्रसाद गुप्ता सीएचसी पहुंचे और रोगियों की जानकारी ली। इसके बाद ही सीएचसी प्रभारी स्टाफ को लेकर चाटकी गांव गए।
नीम-हकीम के हाथ रहे फूड प्वाइज¨नग पीड़ित
बेहट : सीएचसी लगभग 35 पीड़ित लाए गए, जबकि गांव में इस रोग की चपेट में आए पीड़ितों की संख्या 50 के पार थी। लेकिन यह सभी गांव व आसपास के झोलाछाप चिकित्सकों के भरोसे थे। अगले दिन तक भी यह झोलाछाप ही इन पीड़ितों की सेवा में लगे अपनी जेब गर्म कर रहे थे। खास बात तो यह है कि तड़के करीब 3 बजे के बाद सीएचसी प्रभारी टीम के साथ गांव तो पहुंचे और कुछ दवाएं भी दीं, लेकिन वह सब थमाई गई इन झोलाछाप डाक्टरों के हाथ में ही।
सीएमओ ने दिए झोलाछाप के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश
बेहट : एमएलसी उमर अली खां भी घटना की जानकारी मिलने पर शनिवार दोपहर पहले वह सीएचसी और इसके बाद गांव चाटकी पहुंचे। तब तक सीएमओ डा. सईद अंसारी भी सीएचसी पहुंच गए थे। जहां उनके सामने लोगों ने सीएचसी में स्टाफ की कमी व बदहाल व्यवस्था की शिकायत की। एमएलसी ने भी व्यवस्था दुरूस्त करने के लिए कहा। यहां से यह लोग गांव चाटकी गए, जहां पीड़ितों के हाल चाल जाने और एहतियाती उपाय करने की सलाह के साथ ही दवाएं वितरित कीं।
सीएमओ ने रस्सियों लटकाकर मरीजों को लगी ड्रिप देखी तो गांव के झोलाछाप डाक्टरों के खिलाफ कार्रवाई करने के सीएचसी प्रभारी को निर्देश दिए। उन्होंने लोगों को गांव सफाई व्यवस्था व अपने घर के अंदर की सफाई और सतर्कता बरतने तथा दूषित पेयजल व भोजन से दूर रहने के लिए भी कहा। साथ ही स्वास्थ्य विभाग की टीम को गांव में खास चौकसी बरतने के निर्देश दिए। हालांकि शनिवार की सुबह गांव में पहुंचे सफाई कर्मचारी को गुस्साएं ग्रामीणों ने दौड़ा दिया।