पढ़ाई का समय मिड-डे मील बनान में हो रहा खर्च
बड़गांव : एक तरफ तो कोर्ट द्वारा जनप्रतिनिधियों एवं सरकारी अफसरों के बच्चों को प्राथमिक स्कूलों को शि
बड़गांव : एक तरफ तो कोर्ट द्वारा जनप्रतिनिधियों एवं सरकारी अफसरों के बच्चों को प्राथमिक स्कूलों को शिक्षा देने की सलाह दी जा रही हो वहीं दूसरी तरफ यदि इन प्राथमिक विद्यालयों की हकीकत जानने की कोशिश की जाय तो हर कोई इंसान ऐसे विद्यालयों में अपने नौनिहालों को शिक्षा ग्रहण करने तो दूर खेलने भी नही भेजना चाहेगा। जी हां ये असलियत क्षेत्र के बालू माजरा गांव स्थित प्राथमिक विद्यालय की है। यहां स्कूली बच्चों से कभी उपले मंगाये जाते हैं तो कभी इन नौनिहाल के नन्हें नन्हें हाथों से स्कूल की झाडुओं से सफाई कराई जाती है। इस प्रकार बच्चों की पढ़ाई का कुछ समय दोपहर के मिड डे मील के भोजन में चला जाता है तो कुछ समय बच्चों से ऐसे ही कुछ अन्य सामान मंगाने चला जाता है। तब छुट्टी का समय हो जाता है। क्या ऐसे इन ग्रामीणों स्कूलों में बच्चों की शिक्षा के स्तर में कब तक सुधार हो पायेगा? बहरहाल यह अभी किसी को भी नही पता। लेकिन इस समय बड़गांव क्षेत्र के प्राथमिक स्कूलों की हालात इससे भी कहीं बदतर नजर आ रही है। ग्रामीण संजय ¨सह, नीटू¨सह ,मुनेश¨सह ,यशपाल¨सह श्याम¨सह ,कालूराम आदि ने विभाग के उच्चाधिकारियों से ग्रामीण स्तर के प्राथमिक स्कूलों शिक्षा के स्तर में शीघ्र सुधार लाने की मांग की है।