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स्टोन क्रेशर के पट्टे की चपेट में आकर मजदूर की मौत

साढ़ौली कदीम (सहारनपुर) : कोतवाली क्षेत्र में नुनियारी गांव के पास यमुना नदी में लगे एक स्टोन क्रेशर

By Edited By: Published: Tue, 01 Sep 2015 10:47 PM (IST)Updated: Tue, 01 Sep 2015 10:47 PM (IST)
स्टोन क्रेशर के पट्टे की चपेट में आकर मजदूर की मौत

साढ़ौली कदीम (सहारनपुर) : कोतवाली क्षेत्र में नुनियारी गांव के पास यमुना नदी में लगे एक स्टोन क्रेशर पर काम करने वाले एक मजदूर की क्रेशर के पट्टे में आकर दर्दनाक मौत हो गई। खबर मिलने पर परिजन व पुलिस मौके पर पहुंचे। लेकिन परिजनों ने किसी कानूनी कार्रवाई से इंकार कर दिया और शव लेकर अपने घर चले गए।

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दुर्घटना मंगलवार की सुबह करीब 7 बजे हुई। गांव कांसेपुर निवासी 22 वर्षीय विपिन पुत्र शेर ¨सह इस क्रेशर पर मजदूरी करता था। सोमवार की रात भी वह इस क्रेशर पर मजदूरी कर रहा था। सुबह लगभग 7 बजे उसने क्रेशर के मुंशी से अपनी रात भर की दिहाड़ी भी ले ली थी। इस बीच वह क्रेशर के पट्टे के पास कुछ काम कर रहा था। तभी वह इस पट्टे की चपेट में आ गया और मशीन में जा लगा। जिससे इसकी मौके पर ही मौत हो गई। दुर्घटना होते ही वहां मौजूद मुंशी व अन्य लोगों ने मृतक के परिजनों व क्रेशर मालिक को सूचना दे दी। जिस पर क्रेशर मालिक के कुछ लोग व मृतक के परिजन मौके पर पहुंच गए, काफी देर तक दोनों पक्षों में बात हुई। इस बीच इंस्पेक्टर नरेश चौहान व उप निरीक्षक इंद्रपाल ¨सह मौके पर पहुंच गए और घटना के बारे में जानकारी की। उप निरीक्षक ने पंचायतनामे की कार्रवाई शुरू ही की थी कि मृतक के परिजनों ने किसी भी कानूनी कार्रवाई से इंकार कर दिया और शव को उठाकर घर ले गए।

मुफलिसी के चलते रात में मजदूरी कर दिन में करता था विपिन पढ़ाई

बेहट : मृतक दलित मजदूर विपिन कुमार बीकॉम का छात्र था। मुफलिसी के बावजूद अपने भविष्य को चार चांद लगाने के लिए वह दिन-रात कड़ी मेहनत कर रहा था। रात में क्रेशर पर मजदूरी और दिन में पढ़ाई कर विपिन समाज के सामने मिसाल बन चुका था। विपिन के जानकार बताते हैं कि वह अपनी मेहनत से मिलने वाले पैसों से ही अपनी पढ़ाई का खर्च चला रहा था। इसलिए वह हर रात या दिन मजदूरी नहीं करता था, जब उसके पास पढ़ाई में खर्च के लिए पैसे कम पड़ जाते थे तो वह रात में इसलिए मजदूरी करता था ताकि दिन में उसकी पढ़ाई का नुकसान न हो। क्रेशर पर मजदूरी इसलिए करता था क्योंकि क्रेशर पर ही मजदूरी रात में मिल सकती है। वैसे भी विपिन का बीकॉम का एक आखिरी साल था।


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