श्मशान के रास्ते के विवाद को लेकर दो पक्षों के बीच टकराव होने से टला
बेहट,(सहारनपुर) : पिछले कई माह से कस्बे के मोहल्ला माजरी के श्मशान के रास्ते को लेकर चला आ रहा विवा
बेहट,(सहारनपुर) : पिछले कई माह से कस्बे के मोहल्ला माजरी के श्मशान के रास्ते को लेकर चला आ रहा विवाद सोमवार को दो पक्षों के बीच टकराव का कारण बनते-बनते बच गया। एसडीएम व सीओ कोतवाली मिर्जापुर पुलिस के साथ मौके पर पहुंचे और खेत की तार-बाड़ हटवाकर शव को अंतिम संस्कार के लिए श्मशान तक पहुंचवाया। इस मामले को लेकर दलितों में रोष है और वह इसके लिए कई बार तहसील पर प्रदर्शन तक कर चुके हैं।
गौरतलब है कि कस्बे में ईदगाह से कुछ दूरी पर मोहल्ला माजरी का श्मशान घाट है, जिसके रास्ते का विवाद पिछले कई महीनों से चला आ रहा है। इस श्मशान से पहले जहीर कुरैशी का बाग है। जहीर ने पिछले दिनों अपने बाग के चारों ओर तार-बाड़ कर ली थी, जिससे श्मशान को जाने वाला रास्ता भी अवरुद्ध हो गया था। पिछले दिनों मोहल्ले के दलित वर्ग के लोगों ने एसडीएम से मिलकर रास्ते को खुलवाने की मांग की थी, लेकिन मांग पूरी न होने पर तहसील पर प्रदर्शन भी किया था। रविवार शाम मोहल्ला माजरी की दलित युवती की बीमारी के चलते मृत्यु हो गई। तो दलितों ने शमशान के बंद रास्ते को लेकर रोष फैल गया। मामला सांसद राघव लखनपाल शर्मा तक पहुंचा। जबकि इससे पूर्व विधायक महावीर राणा भी तत्कालीन डीएम से इस बारे में शिकायत कर चुके थे। सांसद ने रविवार की रात एसडीएम से बात की और कहा कि वह हर हालत में रास्ता खुलवाएं। मामला दो संप्रदायों के बीच का होने के कारण प्रशासन व पुलिस भी सतर्क हो गई और सुबह ही एसडीएम शीतल प्रसाद गुप्ता, सीओ योगेन्द्र पाल ¨सह, इंस्पेक्टर संजय वर्मा व एसओ मिर्जापुर कमल ¨सह यादव को मयफोर्स के लेकर विवादित स्थल पर पहुंच गए। पीएसी को भी कोतवाली में बुला लिया गया था। एसडीएम सीओ ने तहसील कुरैशी पक्ष से बात की, जिस पर वह शव को शमशान तक पहुंचाने की बात पर राजी हो गए। दोनों पक्ष के लोगों ने ही तारबाड़ को हटाकर रास्ता निकाला और अंतिम संस्कार कर दिया गया। दलितों में इस बात को लेकर भारी रोष देखा गया कि प्रशासन ने इस समस्या का कोई समाधान नहीं निकाला।