व्हाट्स एप प्रकरण: क्या राजनीतिक दबाव में हुई दूसरी एफआइआर
सहारनपुर : बारूद के ढेर पर बैठे जनपद को सुलगाने का काम अपनी पुलिस ही कर रही है। गंगोह में व्हाट्सएप
सहारनपुर : बारूद के ढेर पर बैठे जनपद को सुलगाने का काम अपनी पुलिस ही कर रही है। गंगोह में व्हाट्सएप प्रकरण के शांत होने के बावजूद सत्ता के दबाव में रातो-रात नया वादी तैयार कर रिपोर्ट दर्ज की गई और विपुल नामक युवक को जेल भेज दिया गया। हैरानी की बात ये है कि इस मामले के असल वादी की जांच अभी एसपी देहात कर ही रहे हैं, जो पूरी नहीं हुई है लेकिन माहौल को भांपे बगैर पुलिस ने बचकाना काम कर दिया है।
15 दिन पहले व्हाट्सएप पर आपत्तिजनक पोस्ट आने पर हंगामा खड़ा हो गया था। इस मामले में गंगोह चेयरमैन ने दो युवकों को बुलाकर समझौता करवा दिया था। लेकिन राजनीतिक छक्का लगाते हुए इसी बीच कैराना विधायक नाहिद हसन ने रात को गंगोह कोतवाली में घंटों तक हंगामा किया। पुलिस के खिलाफ माहौल खड़ा कर एक तहरीर पर विपुल के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करवा दी। लेकिन हैरानी की बात ये है कि जिस युवक को वादी बताया गया, वो अगले रोज एसएसपी के पास पहुंचा। बोला कि उसने तो कोई तहरीर ही नहीं दी तो उसे वादी कैसे बना दिया गया। इसी बात की जांच एसएसपी ने एसपी देहात को सौंपी और जल्द रिपोर्ट मांगी, मगर जांच को ठंडे बस्ते में तो डाल दिया गया। लेकिन राजनीतिक दबाव में काम कर रही पुलिस मशीनरी ने इसी मामले में विपुल के खिलाफ नया वादी खड़ा कर दिया। व्हाट्सएप पर धार्मिक उन्माद फैलाने का नया मुकदमा दर्ज करते हुए विपुल को जेल भेज दिया। एसएसपी नितिन तिवारी ने बताया कि अभी एसपी देहात की जांच रिपोर्ट नहीं आई है कि पहली एफआईआर में वादी असली थी या नकली, मगर एक अन्य युवक ने विपुल के खिलाफ रिपोर्ट लिखवाई है, जिसके तहत कार्रवाई की गई है। मौजूदा हालातों को देखते हुए कहीं पुलिस का ये कदम आग में घी का काम न कर दे।