इस्लाम के मजबूत किले हैं मदरसे : मौलाना बदरुल
सहारनपुर : कुवैत से देवबंद दौरे पर आए मशहूर आलिम-ए-दीन व दारुल उलूम के पूर्व उस्ताद मौलाना बदरुल हसन
सहारनपुर : कुवैत से देवबंद दौरे पर आए मशहूर आलिम-ए-दीन व दारुल उलूम के पूर्व उस्ताद मौलाना बदरुल हसन का दारुल उलूम वक्फ व जामिया इमाम मोहम्मद अनवर शाह में जबरदस्त स्वागत किया गया। मौलाना ने मदरसों को इस्लाम के मजबूत किले बताते हुए मदरसों से निकलने वाले तलबा से इस्लाम की सही तस्वीर दुनिया के सामने पेश कर अमन व शांति का परचम बुलंद करने का आह्वान किया।
ईदगाह रोड स्थित जामिया इमाम मोहम्मद अनवर शाह में आयोजित समारोह में मौलाना बदरुल हसन ने कहा कि मदरसे छात्रों में मेहनत व संघर्ष करने का जज्बा पैदा करते हैं। यही कारण है कि आज मदरसों से निकलने वाले बहुत से छात्र देश में बड़े पदों पर बैठे हैं। मशहूर आलिम-ए-दीन दिवंगत अल्लामा अनवर शाह कश्मीरी व मौलाना अंजर शाह कश्मीरी के जीवन पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने कहा कि दोनों ने ही अपना अधिकाश समय दीन की खिदमत के लिए गुजारा। उनका नाम दीनी शिक्षा के इतिहास में स्वर्णिम अक्षरों में लिखा है। उन्होंने छात्रों से फिजूल बातों से बचने और बुजुर्गो के नक्शे कदम पर चलते हुए अपने लक्ष्य को पूरा करने का आह्वान किया। संस्था के मोहतमिम मौलाना अहमद खिजर शाह मसूदी ने कहा कि एक व्यक्ति के शिक्षा हासिल करने से समाज सुधरता है, जिससे देश के विकास के रास्ते आसान हो जाते हैं। कहा कि मजहबे इस्लाम में शिक्षा पर बहुत जोर दिया गया है। कार्यक्रम की अध्यक्षता मौलाना बदरुल हसन ने की व संचालन मौलाना फुजैल नासरी ने किया। मुफ्ती इस्लाम कासमी, मौलाना अब्दुल रशीद, मुफ्ती वसी, मौलाना सगीर प्रतापगढ़ी, मौलाना अबु तलहा आजमी, मौलाना उस्मान गनी, मुफ्ती नवेद, जकी अंजुम, मौलाना नासिर, कारी बिलाल व कारी साकिब आदि मौजूद रहे। उधर, दारुल उलूम वक्फ में आयोजित कार्यक्रम में संस्था के मोहतमिम मौलाना सूफियान कासमी सहित उस्ताद व बड़ी संख्या में मदरसा छात्र मौजूद रहे।