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एक दिन में कैसे होगा 57.65 करोड़ का भुगतान

सहारनपुर : हाईकोर्ट के आदेश के बावजूद जनपद की तीन चीनी मिलों ने अभी तक किसानों का समस्त भुगतान नहीं

By Edited By: Published: Fri, 31 Oct 2014 01:22 AM (IST)Updated: Fri, 31 Oct 2014 01:22 AM (IST)
एक दिन में कैसे होगा 57.65 करोड़ का भुगतान

सहारनपुर : हाईकोर्ट के आदेश के बावजूद जनपद की तीन चीनी मिलों ने अभी तक किसानों का समस्त भुगतान नहीं किया है। इन मिलों के पास सिर्फ 12 घंटे का समय ही बचा है। इतने समय में 57.65 करोड़ रुपए का भुगतान होने में संशय की स्थिति है।

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गन्ना भुगतान के प्रति सख्त रुख अख्तियार करते हुए हाईकोर्ट ने पांच सितंबर को आदेश पारित कर 31 अक्टूबर तक ब्याज समेत समस्त भुगतान कराने के आदेश दिए थे। भुगतान न करने पर इसके लिए सीधे गन्ना आयुक्त को जिम्मेदार मानने की बात कही थी, मगर 30 अक्टूबर की स्थिति देखने से पता चलता है कि अभी भी जनपद की तीन चीनी मिलों पर 57.65 करोड़ रुपए बकाया है। जबकि मिलों के पास अब एक दिन शेष बचा है। बकायादार चीनी मिलों में देवबंद मिल पर 25.05 करोड़, शेरमऊ पर 21.89 करोड़ व गांगनौली मिल पर 10.71 करोड़ रुपए बकाया हैं।

सहकारी मिलों पर रहेगा भार

निजी चीनी मिलों की मनमानी को देखते हुए ऐसा प्रतीत होता है कि सहकारी चीनी मिलों पर ही इस बार सर्वाधिक भार रहेगा। निजी मिलों की मनमानी और गन्ना भुगतान लटकाने के कारण ही गन्ना आयुक्त ने निजी मिलों के गन्ना रकबे में कटौती की है। गन्ना भुगतान ही नहीं पेराई सत्र को लेकर भी निजी मिलों के रुख में अभी कोई बदलाव नहीं आया है। यही कारण है कि सत्र शुरू करने के बारे में उन्होंने अभी भी अपना रुख स्पष्ट नहीं किया है। हालांकि इन चीनी मिलों ने मेन्टीनेंस कार्य शुरू कर दिया है। परंतु हाल फिलहाल में मिलों की चलने की स्थिति स्पष्ट नहीं है।

कोल्हुओं का संचालन शुरू

आमतौर पर चीनी मिलों का पेराई सत्र एक नवंबर से माना जाता है, मगर जनपद में मिलों के चलने की अभी कोई स्थिति नजर नहीं आ रही है। उधर, गेहूं बुवाई के लिए किसानों ने खेत खाली करने के लिए गन्ने की छुलाई शुरू कर अपना गन्ना कोल्हू पर डालना शुरू कर दिया है। वर्तमान में करीब सौ कोल्हुओं ने गन्ने की पेराई कर गुड व शक्कर बनाना शुरू कर दिया है।

20 तक चल जाएंगी मिलें

उप गन्ना आयुक्त डा. वीबी सिंह का कहना है कि सहकारी चीनी मिलें दस नवंबर तक चालू हो जाएगी। निजी मिलों के संचालन को लेकर मिल प्रतिनिधियों की गन्ना आयुक्त से बैठक हो चुकी है। संभावना है कि निजी चीनी मिलें 20 नवंबर तक चालू होने की स्थिति में आ जाए।

कांटे लगना शुरू

जिला गन्ना अधिकारी डा. आरडी द्विवेदी का कहना है कि उन्होंने सहकारी व निजी चीनी मिलों के तौल कांटे लगवाने का काम शुरू करा दिया है। भुगतान में मनमानी के चलते निजी मिलों का गन्ना रकबा घटाकर सुरक्षण आदेश जारी किया गया है। जो चीनी मिलें बंद हो चुकी हैं। उनका गन्ना उनके आसपास की मिलों को आवंटित किया गया है।

मिलों का रकबा व पेराई क्षमता

मिल रकबा क्षमता

बिड़वी 5,993 बंद

सरसावा 10,852 27,500

नानौता 14,981 50,000

देवबंद 20,802 1,40,000

टोडरपुर 9,194 बंद

दया शुगर 5839 बंद

बजाज 11,347 90,000

शेरमऊ 10,343 70,000

थानाभवन 938

ऊन 316

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कुल रकबा 90,605 हेक्टयर।


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