Move to Jagran APP

दीपावली से पहले ट्रेनों-बसों में मारामारी

सहारनपुर : दीपावली से पूर्व ही ट्रेनों व रोडवेज बसों में यात्रियों की संख्या में भारी इजाफा होने के

By Edited By: Published: Wed, 22 Oct 2014 11:23 PM (IST)Updated: Wed, 22 Oct 2014 11:23 PM (IST)
दीपावली से पहले ट्रेनों-बसों में मारामारी

सहारनपुर : दीपावली से पूर्व ही ट्रेनों व रोडवेज बसों में यात्रियों की संख्या में भारी इजाफा होने के कारण जहां रेलवे व परिवहन निगम को खासा लाभ हो रहा है। वहीं सुविधाएं नहीं मिलने के कारण इनमें यात्रियों की मारामारी है। हालात यह है कि ट्रेन में तो लोग जान जोखिम में डालकर सफर करने को मजबूर हैं।

loksabha election banner

दैनिक जागरण ने ट्रेनों में बसों की सीमित व्यवस्थाओं का पूर्व में ही खुलासा कर दिया था, लेकिन परिवहन निगम के अधिकारी लगातार दावा करते रहे थे कि यात्रियों को किसी प्रकार की दिक्कतें नहीं होने दी जायेगी, लेकिन हुआ इसके एकदम विपरीत है। त्योहारों की श्रृंखला शुरू होते है यात्रियों की संख्या में तीन से चार गुना तक इजाफा हुआ है। हालात यह है कि रोडवेज बस स्टैण्ड पर तिल रखने को भी स्थान नहीं है। सभी मार्गो की बसों में सफर को लेकर मारामारी मची है तथा लोग बसों में ठूंस-ठूंसकर भरे नजर आ रहे है। रोडवेज की बसों के फेरे बढ़ाने तथा अतिरक्त बसों की व्यवस्था करने के दावे पूरी तरह से खोखले साबित हुए हैं। लोग दिक्कतें झेल सफर करने को मजबूर हैं।

ट्रेनों का अधिक बुरा हाल

रेल गाड़ियों में यात्रियों की संख्या चार गुना तक हो गई है। आम दिनों में जहां 30 से 32 हजार यात्री सफर करते है, वहीं बुधवार की शाम तक इन दिनों इनकी तादाद 80 से 90 हजार का आंकड़ा पार गई है। दरअसल रेल प्रबंधतंत्र की गलतियों का खामियाजा यात्रियों को भुगतना पड़ रहा है। करीब 10 वर्ष बाद यह पहला मौका है जब ट्रेनों में अतिरिक्त कोच नहीं लगाए गए हैं। रेलवे ने चार साप्ताहिक स्पेशल एक्सप्रेस ट्रेनों का संचालन कर मामले से पल्ला झाड़ने का काम किया है। रेलवे स्टेशन पर यात्रियों की भीड़ उमड़ी पड़ रही है। किसी भी मार्ग की ट्रेन में स्थान नहीं है तथा लोग ट्रेन में चढ़ने को रेलवे लाइनों पर डेरा डाले है जिससे कभी भी कोई अनहोनी हो सकती है।

दरवाजों पर लटककर सफर करने की मजबूरी

त्यौहार के मौके पर घर पहुंचने की जल्दी में लोग ट्रेन के दरवाजों पर लटककर सफर करने को मजबूर हैं। सभी ट्रेनों में रिजर्वेशन फुल के साथ ही 250 से ऊपर वेटिंग होने के बावजूद रेलवे ने अतिरिक्त कोच की व्यवस्था नहीं की है। ऐसे में लोग जान जोखिम में डालकर सफर कर रहे हैं। रेल अधिकारी इस बारे में कुछ कहने को तैयार नहीं है तथा अतिरिक्त कोच की व्यवस्था रेल बोर्ड का मसला बता पल्ला झाड़ रहे हैं। ऐसे में यदि कोई हादसा होता है तो जिम्मेदार कौन होगा यह बड़ा सवाल है?


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.