पीड़ितों की सेवा से ही मिलता है संतोष
सहारनपुर: अपने लिए जो सभी जीते हैं, लेकिन जो दूसरों के दुख-दर्द को दिल से महसूस करते हुए मदद को हाथ
सहारनपुर: अपने लिए जो सभी जीते हैं, लेकिन जो दूसरों के दुख-दर्द को दिल से महसूस करते हुए मदद को हाथ बढ़ाए, वही समाज सेवक कहलाने के हकदार हैं। लायनेस क्लब आस्था की अध्यक्ष मीनल गुप्ता को पीड़ितों की सेवा से ही संतोष मिलता है। कई गांवों में चिकित्सा शिविर लगाकर विकलांगों को अपेक्षित उपकरण दिलाए। महिलाओं को स्वावलंबी बनाने के लिए जल्द ही वह नई पहल करने जा रही हैं।
सामाजिक ताने-बाने में आए बिखराव को रोकने के लिए किसी एक को तो आगे आना ही होगा, इसी सोच के साथ आगे बढ़ते हुए मीनल गुप्ता ने एक दशक पूर्व सामाजिक जिम्मेदारियों को पूरा करने का संकल्प लिया। लायनेस क्लब आस्था से जुड़कर उन्होंने शुरुआती दौर में ऐसे स्कूलों को चुना, जहां बच्चों के पास ड्रेस, किताबें, कापियां आदि नहीं थीं। संस्था के माध्यम से बच्चों को यह सामग्री उपलब्ध कराई। निर्धनता के कारण जो बच्चे पढ़ नहीं पाते थे, उनके लिए छात्रवृति की व्यवस्था सुनिश्चित कराई। मीनल को अपने काम में आर्किटेक्ट पति अश्वनी गुप्ता का भरपूर सहयोग मिलता है। बेटे अमोल व बेटी सौम्या को भी मां के काम पर गर्व है। संस्था द्वारा 20 नेत्र रोगियों के निशुल्क आपरेशन कराए जा चुके हैं। इसके अलावा मधुमेह व अस्थमा शिविरों के माध्यम से पीड़ितों को लाभ पहुंचा है।
नारी सशक्तीकरण की पहल करते हुए उन्होंने अमरदीप बालिका विद्यालय का चयन किया। यहां संस्था द्वारा जूडो शिविर के माध्यम से बालिकाओं को आत्मरक्षा के गुर सिखाएं जाएंगे। गांव बुड्ढ़ाखेड़ा, बलियाखेड़ी, बाबैल बुजुर्ग में शिविर के दौरान 50 से अधिक विकलांगों को आवश्यक उपकरण उपलब्ध कराए। मीनल बताती हैं कि संस्था द्वारा महिलाओं को स्वावलंबी बनाने की पहल के अंतर्गत ग्रामीण क्षेत्रों में हस्तशिल्प शिविर लगाने की कार्ययोजना पर काम चल रहा है, जिसमें महिलाओं को प्रशिक्षित कर स्वावलंबी बनाने का लक्ष्य है।