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भक्तों की अगाध आस्था का केन्द्र मां दुर्गा मंदिर

गागलहेड़ी (सहारनपुर) : भक्तों की अगाध आस्था के केन्द्र मां दुर्गा मंदिर में हर मनोकामना पूर्ण होती है

By Edited By: Published: Tue, 30 Sep 2014 08:58 PM (IST)Updated: Tue, 30 Sep 2014 08:58 PM (IST)
भक्तों की अगाध आस्था का केन्द्र मां दुर्गा मंदिर

गागलहेड़ी (सहारनपुर) : भक्तों की अगाध आस्था के केन्द्र मां दुर्गा मंदिर में हर मनोकामना पूर्ण होती है। नवरात्र में होने वाली विशेष पूजा अर्चना में दूर-दूर से श्रद्धालु पहुंचते है।

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कस्बे में देहरादून रोड स्थित शिव मंदिर परिसर में वर्ष 1984 में भगत नाथीराम मेहंदी रत्ता ने मां दुर्गा मंदिर की स्थापना कराई थी। नवरात्र में मंदिर में विशेष पूजा अर्चना की जाती है। साथ ही इस मंदिर में सालभर भक्तों का आवागमन बना रहता है। मंदिर में शिव पिंडी की स्वयं स्थापना के कारण इसे नागादेव सिद्धपीठ भी कहा जाता है। स्व. नाथीराम भगत के पुत्र मोहन लाल मेहंदी रत्ता ने बताया कि पिताजी की मां दुर्गा में अगाध आस्था थी और उन्होंने ही मां दुर्गा के मंदिर की स्थापना कराई। अपने जीवनकाल में स्व. भगत जी स्वयं माता के मंदिर की सफाई, दीपक जलाकर पूजा अर्चना कर रहे। मंदिर में नियमबद्ध सुबह-शाम को विधि विधान के साथ पूजा अर्चना व आरती की जाती है। जिसमें बड़ी संख्या में भक्त हिस्सेदारी करते हैं। नवरात्र में पूजा अर्चना का विशेष आयोजन किया जाता है। माता के भक्तों का कहना है कि सच्ची श्रद्धा से यहां पूजा करने वालों को माता कभी निराश नहीं करती यही कारण है कि प्राचीन शिव मंदिर स्थित मां दुर्गा मंदिर की अलग व विशेष पहचान है। प्राचीन शिव मंदिर के पुजारी पं. मदन गोपालाचार्य ने बताते है कि निकट ही स्थित महाकाली मंदिर में शनि पीठ, भैरव बाबा, हनुमान जी तथा प्रथम तल पर राम दरबार है। मंदिर में प्रत्येक वर्ष चैत्र चतुर्दशी पर भव्य मेले का आयोजन होता है।


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