मुआवजे को सर्वे तक न हटाएं जला सामान: फुल्का
सहारनपुर : दंगा पीड़ितों को मुआवजा दिलाने के लिए प्रशासन ने सर्वे का काम शुरू कर दिया है। कमर्शियल प्रापर्टी के नुकसान पर भी पीड़ित मुआवजा पाना का अधिकारी होगा। यह बात सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता एचएस फुल्का ने व्यापार मंडल के पदाधिकारियों से कही।
शुक्रवार को शहर पहुंचे वरिष्ठ अधिवक्ता श्री फुल्का ने व्यापार मंडल के पदाधिकारियों से दंगे में व्यापारिक प्रतिष्ठानों को हुए नुकसान की जानकारी ली। व्यापारियों ने उन्हें बताया कि स्थानीय प्रशासन कमर्शियल प्रापर्टी को हुए नुकसान का मुआवजा न मिलने की बात कह रहा है। श्री फुल्का ने बताया कि कमर्शियल प्रापर्टी को दंगे में हुए नुकसान का मुआवजा देने का प्रावधान है। अपनी बात के समर्थन में उन्होंने इस बारे में आंध्र प्रदेश व मद्रास हाईकोर्ट के आदेश का हवाला दिया। उन्होंने बताया प्रधानमंत्री की स्कीम-2006 के क्लाज-6 में कमर्शियल व इंडस्ट्रीयल मुआवजे का प्रावधान है।
मुआवजे की बाबत उन्होंने पीड़ितों को ठोस और प्रभावशाली उपाय सुझाए। बताया कि नुकसान का सर्वे दो प्रकार से कराया जाता है इनमें एक सरकार और दूसरा बीमा कंपनियों द्वारा। मुआवजे के लिए नुकसान का सर्वे होने तक प्रतिष्ठानों से जला सामान कदापि न हटाएं, ऐसा करने पर ठीक से सर्वे नही हो सकेगा और मुआवजा मिलने में कई परेशानियां आ सकती हैं। उन्होंने बताया कि श्री गुरु सिंह सभा में बुलाए गए दो अधिवक्ताओं को उन्होने कई लीगल प्वाइंट बताए है। सर्वे का काम अधिकतम दो हफ्ते में पूरा हो जाना चाहिए। मुआवजा पाने का कानूनी हक बनता है। उनका कहना था कि प्रशासन ने जली दुकानों का सामान उठाकर गलत किया गया है। दंगे में जिन अधिकारियों ने ढील बरती है उनके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए। मामले की जांच निष्पक्ष हो सके इसके लिए पहले उन अधिकारियों का तबादला होना चाहिए जो दंगे के लिए जिम्मेदार है अन्यथा वे जांच को प्रभावित कर सकते है। श्री फुल्का ने बताया कि पुलिस गिरफ् त में आया आरोपी यदि किसी राजनेता का नाम ले रहा है तो कानून के अंतर्गत उसके खिलाफ भी कार्यवाही का प्रावधान है।