तीन साल का पानी 'पी' गई दंगे की आग
सहारनपुर : दंगे में हुई आगजनी की करीब 103 वारदातों में 9 लाख लीटर पानी खर्च हुआ। सामान्य हालातों में यह पानी लगभग तीन साल तक प्रयोग हो सकता था। फायर विभाग के रिकार्ड के अनुसार दंगे के दौरान 26 जुलाई को सहारनपुर में हुए दंगे में कुल 103 अग्निकांड हुए, जबकि उसके बाद 10 अग्निकांड दर्ज किए गए। 64 घंटे बाद भी अंबाला रोड पर कई दुकानों में लगी आग अभी तक नही थम रही है। दो दुकानों से अभी भी धुआं उठ रहा है। सोमवार को पूरे दिन फायर बिग्रेड की गाड़ी इस धुयें को गायब करने में लगी रही। आग बुझाने के लिए अकेले सहारनपुर में उत्तराखंड, मेरठ, नोएडा, सरसावा एयरफोर्स, मुजफ्फरनगर, शामली, बागपत में लगाई थीं 33 फायर ब्रिगेड गाड़िया लगाई गयी थी। सोमवार को भी सहारनपुर जनपद की गाड़ियों समेत इन जनपदों से आई 6 गाड़िया लगी रही। इन गाड़ियों को संवेदनशील जगहों पर तैनात रखा गया था।
88 करोड़ की संपत्ति हुई स्वाहा
दंगे के दौरान हुई आगजनी और तोड़फोड़ में अलग-अलग जगहों पर लगभग 88 करोड़ रुपये की संपत्ति का नुकसान हुआ। अग्गिशमन विभाग व गुप्तचर विभाग तथा पीड़ितों के अनुसार 26 जुलाई से सोमवार तक 212 स्थानों पर आगजनी, लूटपाट व तोड़फोड़ की घटनाएं हुई जिसमें करीब 88 करोड़ की संपत्ति स्वाहा हो गई। आठ करोड़ की 52 गाड़ियों में तोड़फोड़, आगजनी आदि घटनाएं हुई है। इन सबके बीच फायर ब्रिगेड ने करोड़ों की सरकारी और गैर सरकारी संपत्ति को बचाया है। कोर्ट रोड पर यदि दमकल विभाग की गाड़ी मौके पर नही पहुंचती तो राघव ज्वैलर्स का करोड़ों का नुकसान होता। ऐसे ही 88 मामले है। डीएम संध्या तिवारी इतने स्थानों पर आगजनी व इतने बड़े नुकसान की बात से इन्कार कर रही है। उनका कहना है कि नुकसान का आंकलन राजस्व टीम से कराने की बाद ही कुछ कहा जा सकता है।