सुनियोजित था दंगा,आला अफसर भी लापरवाह रहे: एडीजी
सहारनपुर : एडीजी देवेंद्र सिंह चौहान ने स्वीकार किया कि सहारनपुर में शनिवार को हुआ दंगा सुनियोजित था। संवादहीनता भी इसका बड़ा कारण है। पुलिस प्रशासन का मैनेजमेंट भी फेल रहा है।
सर्किट हाउस में जागरण से बातचीत में कहा कि जिले का जिम्मेदार अधिकारी डीएम व कप्तान होते हैं और उन्हें तय करना होता है कि उन्हें कब और किस वक्त क्या कार्रवाई करनी है या नहीं। हां, यह बात जरूर है जिस स्थान को लेकर दंगा भड़का अगर समय रहते पुलिस प्रशासन सटीक कार्रवाई करता तो इतना बड़ा दंगा प्रायोजित तरीके से नहीं होता।
रविवार रात शासन की ओर से विशेष प्रेक्षक बनाकर भेजे गए एडीजी टेलीकाम देवेंद्र कुमार चौहान ने पुलिस लाइन में अफसरों के साथ बैठक की। क्षेत्र भ्रमण करने के आधार पर बताया कि अब अगर किसी क्षेत्र में आगजनी होती है तो इसका जिम्मेदार हल्का, चौकी इंचार्ज और थानेदार होगा, जिसके विरुद्ध तत्काल प्रभाव से विभागीय कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा अब जो हो चुका उसके बारे में सोचने का वक्त नहीं है, बल्कि एक्शन का वक्त है। चिन्हित उपद्रवियों को गिरफ्तार करने का वक्त है। ताकि ऐसे लोग फिर शहर के अमन को आग न लगा सकें।
रासुका व गुंडा एक्ट लगेगा
एडीजी देवेंद्र कुमार चौहान ने बताया कि दंगाइयों को चिन्हित किया जा चुका है और उनकी थानेवार लिस्ट बनाई गई है। गिरफ्तारी के लिये अलग से टीम गठित की गई है। उन्होंने बताया कि ऐसे लोगों पर रासुका व गुंडा एक्ट लगाई जाएगी। चाहे वह किसी भी तबके व्यक्ति क्यों न हों। इस संबंध में अधिकारियों को निर्देश दिये जा चुके हैं।
खाकी का नहीं है खौफ
एडीजी का यह भी मानना है कि जब तक जनता में खाकी का खौफ पैदा नहीं किया जाएगा तो इस तरह की छोटी-बड़ी घटनाएं होती रहेंगी। अगर जनता में खाकी का खौफ होता तो आगजनी, लूटपाट, पथराव व फायरिंग की घटना अधिकारियों की मौजूदगी में नहीं होती। इसके पीछे उनका तर्क था कि जिले का बास डीएम व कप्तान होता है। उन्हें पता रहता है कि कौने व्यक्ति कैसा और उसके विरुद्ध क्या कार्रवाई करनी है। अगर अधिकारी समय से पहले घटना का आकलन कर लेते तो शनिवार को शायद सांप्रदायिक सौहार्द नहीं बिगड़ता।