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'अब राष्ट्रपति व पीएम से करेंगे बात'

By Edited By: Published: Sun, 27 Jul 2014 11:16 PM (IST)Updated: Sun, 27 Jul 2014 11:16 PM (IST)
'अब राष्ट्रपति व पीएम से करेंगे बात'

सहारनपुर : सहारनपुर के दंगे की आग पंजाब, हरियाणा, उत्तराखंड, दिल्ली व हिमाचल प्रदेश पहुंच गई है। शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी अमृतसर के बाद अब अकाल तख्त सहारनपुर में दंगे को लेकर उग्र है। अकाल तख्त के मुख्य जत्थेदार ज्ञानी गुरबचन सिंह ने रविवार को सहारनपुर में पीड़ित लोगों से बातचीत की और कहा कि सिक्ख समुदाय की सैकड़ों दुकानों लूटी गईं। गुरूद्वारे पर पथराव किया गया। घरों पर हमला बोलकर सिख समाज की महिलाओं के साथ अभद्रता की गई। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव अभी तक पीड़ितों को कोई राहत नही दे पाए है। पंजाब के उप मुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल ने अखिलेश यादव व डीजीपी से बात की है। ऐसे में वह शीघ्र राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी व प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से बातचीत करेंगे ताकि पीड़ितों को राहत मिल सके। ज्ञानी गुरुबचन सिंह ने कहा कि इस पूरे मामले की रिपोर्ट वह पंजाब के मुख्यमंत्री को देंगे। यदि न्याय नहीं मिला तो सिख समाज उप्र ही नही देश में बड़ा आंदोलन करेगा। रविवार को गुरुद्वारा श्री गुरू सिंह सभा में पहुंचे अकाल तख्त के मुख्य जत्थेदार के सामने सहारनपुर के सिख समाज ने एक-एक कर दंगे की पूरी दास्तां सुनाई। सिख समाज के लोगों का कहना था कि चार घंटे तक उपद्रवी खुला तांडव करते रहे, सैकड़ों दुकानें जला दी गई और पुलिस प्रशासन मूक दर्शक बना रहा। एक-एक कर बात सुनने के बाद मुख्य जत्थेदार ज्ञानी गुरबचन सिंह ने कहा कि जिस स्थान पर निर्माण को लेकर दंगा हुआ है उसकी नींव साढ़े चार पहले बड़े आयोजन के साथ रखी गई थी। यदि लग रहा था कि यह सही नहीं है तो कानून के दायरे में कार्रवाई की जानी चाहिए थी। उन्होंने दंगे की निंदा करते हुए कहा कि सिख समाज सर्वधर्म का सम्मान करता है। धार्मिक स्थल पर किसी भी धर्म का अच्छा व्यक्ति, कभी हमला नहीं करता। ऐसा सिर्फ अपराधिक प्रवृति और गुंडा तत्व ही करता है। उन्होंने कहा कि दंगे में अवैध हथियारों का जमकर इस्तेमाल हुआ है। प्रशासन और पुलिस को तलाशी अभियान चलाकर हथियारों का जखीरा बरामद करना चाहिए। ईद के मद्देनजर क‌र्फ्यू में ढील की बाबत पूछे जाने पर जत्थेदार ज्ञानी गुरबचन सिंह ने कहा कि अभी माहौल शांत नहीं हुआ है, ऐसे में क‌र्फ्यू में ढील दी जाती है और कुछ गलत हो जाता है तो उसके लिए कौन जिम्मेदार होगा। उनके साथ ऑल इंडिया सिख स्टूडेंट फेडरेशन मेहता के प्रधान सरदार परमजीत सिंह व संत जसदीप सिंह भी थे।


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