ग्राम विकास अधिकारी भर्ती में ठगी?
जागरण संवाददाता, सहारनपुर
बेकारी का दंश झेल रहे बेरोजगार भर्ती के नाम पर भी ठगे गए हैं। जिला पंचायत विभाग में ग्राम विकास अधिकारियों की भर्ती में बेरोजगारों के साथ यह खिलवाड़ हुआ है। विभाग में 60 लाख से अधिक के डाक टिकट जमा होने की संभावना है। चयन प्रक्रिया केबाद विभाग डाक टिकट लगे लिफाफों को भी रिकार्ड के साथ 'दफन' करने की तैयारी कर रहा है।
जिला पंचायत राज विभाग द्वारा ग्राम विकास अधिकारियों के 43 पदों पर नियुक्ति के लिए 19 अक्टूबर तक आवेदन पत्र मांगे हैं। विभाग के पास पहुंचे आवेदन पत्रों का आंकड़ा 50 हजार को छू रहा है। एक आवेदक से 39-39 रुपये के डाक टिकट लगे तीन लिफाफे मांगे हैं। टिकटों पर कुल खर्च 117 रुपये हैं। 52 हजार आवेदन पत्र पहुंचने की स्थिति में विभाग के पास 60 लाख 84 हजार के टिकट जमा होंगे।
जिला पंचायत राज अधिकारी अमरजीत सिंह बताते हैं कि उन्होंने डाकघर से स्पीड पोस्ट की दरें मालूम कराई थी इसी के बाद आवेदकों से एक लिफाफे पर 39 रुपये के डाक टिकट मांग गए। उनका कहना था कि आरटीआइ में आवेदन पत्रों को 10 वर्ष तक रिकार्ड में रखे जाने का नियम है। आवेदन पत्र के साथ डाक टिकट लगे लिफाफों के बारे में पूछे जाने पर उनका कहना था कि ये भी रिकार्ड में रखे जाएंगे। चयन प्रक्रिया को साक्षात्कार में कितने आवेदक बुलाए जाएंगे इसका निर्णय शासनादेश के मुताबिक किया जाएगा।
क्या कहता है डाक विभाग?
डाक विभाग के बिजनेस डवलपमेंट मैनेजर बृजपाल बताते हैं कि 20 ग्राम तक वजन की स्पीड पोस्ट (आल इंडिया) दर 39 रुपये है। नगर निगम क्षेत्र सहारनपुर में स्पीड पोस्ट 17 रुपये में होती है। आल इंडिया रजिस्ट्री की दर 22 रुपये है।
नहीं है कोई निर्धारित प्रक्रिया
आवेदन पत्रों के साथ डाक टिकट लगे लिफाफों का चयन प्रक्रिया पूरी होने के बाद क्या किया जाए? इस बारे में कोई सरकारी नियमावली नही है। नतीजतन विभागीय कर्मचारी टिकटों को खुर्द-बुर्द करते रहे हैं। सूत्रों का कहना है कि दूर-दराज के ग्रामीण क्षेत्रों में स्पीड पोस्ट वितरण की कोई पुख्ता व्यवस्था नहीं होती। दूसरी ओर माना जा रहा है कि नगर क्षेत्र से 15 हजार से अधिक आवेदक हो सकते हैं और इन्हें केवल 51 रुपये के टिकट ही तीन लिफाफों पर लगाने थे।
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