अच्छी फसल से पालेज स्वामियों के चेहरे खिले
रामपुर : तरबूज और खरबूजे की अच्छी फसल से मालिकों के चेहरे पर मुस्कान है। मौसम ने साथ दिया तो पालेज स
रामपुर : तरबूज और खरबूजे की अच्छी फसल से मालिकों के चेहरे पर मुस्कान है। मौसम ने साथ दिया तो पालेज स्वामियों की चांदी ही चांदी होगी। एक तरफ जहां कोसी नदी अपने कटान के लिए बदनाम है, तो वहीं दूसरी ओर इसके तट पर पालेज और सब्जियों भी खूब फलती हैं। जहां सुल्तानपुर और पट्टी कलां के आसपास रेत-बजरी से किसान मालामाल हो रहे हैं। वहीं पालेज के साथ ही सब्जी की खेती से भी किसानों के बारे-न्यारे हो रहे हैं। दढि़याल, मसवासी, जालिफ नगला, धनौरी, धनपुर शाहदरा, रुस्तमनगर, सोनकपुर, पसियापुरा,
बजावाला, लालपुर समेत दो दर्जन के करीब गांव कोसी नदी या फिर उसके आसपास बसे हैं। खादर के क्षेत्र में जहां गन्ने की फसल लहरा रही है तो साथ ही तरबूज, लौकी, खीरा एवं खरबूज की भी इस वर्ष अच्छी फसल है। किसानों के चेहरे पर मुस्कान साफ दिखाई दे रही है। खरदिया गांव निवासी वीर ¨सह और पिता खड़क ¨सह ने इस साल करीब दो एकड़ में तरबूज, खरबूज, खीरा और लौकी की फसल की है। परिवार सहित दिन-रात एक किए हैं। शर्त यह है कि कोसी में असमय बाढ़ न आए। रुस्तमनगर के सियाराम और चेतराम भी एक-एक पालेज लगाई है। खीरा और लौकी तैयार हो गई है। अच्छी फसल होने से इनके चेहरे भी खिले हैं। बजावाला के अख्तर अली ने भी चार बीघे में पालेज की है। वह भी फसल को लेकर रात-दिन एक किए हैं। धनपुर के वीर ¨सह का कहना है कि पालेज में लागत के साथ-साथ मेहनत भी खूब करना पड़ती है। मौसम के मिजाज को समझना पड़ता है। सारे काम समय से करने होते हैं। नई प्रजाति और तकनीकि का भी ख्याल रखा जाता है, तभी अच्छी फसल कि उम्मीद की जा सकती है।