ठान ली मैंने भी हर हाल में मुस्कराने की
रामपुर : आकाशवाणी में बुधवार को अंतरराष्ट्रीय महिला सप्ताह का शुभारंभ किया गया। पहले दिन नारी की अनन
रामपुर : आकाशवाणी में बुधवार को अंतरराष्ट्रीय महिला सप्ताह का शुभारंभ किया गया। पहले दिन नारी की अनन्त यात्रा विषय पर काव्य पाठ हुआ, जिसमें बरेली, मुरादाबाद, गजरौला और बदायूं से आई कवियत्रियों ने अपनी रचनाओं के जरिए नारी शक्ति का शानदार वर्णन किया। गजरौला से आईं वरिष्ठ कवियत्री डॉ. मधु चतुर्वेदी ने महिला शक्ति को अपनी काव्यांजलि समर्पित करते हुए कहा-
ताब मुझमे अभी और गम उठाने की, कोशिशें कर तू मुझे और आजमाने की
ये तेरी जिद कि मेरी आंख में आंसू देखे, ठान ली मैंने भी हर हाल मुस्कराने की।
मुरादाबाद की डॉ. प्रेमवती उपाध्याय ने अपनी रचना से नारी के विभिन्न गुणों को वर्णित किया। कहा-
दिव्य धरा पर दिव्य चेतना है नारी तुमसे आई
निरख तुम्हारी विनयशीलता है अचरज में प्रभुताई।
बरेली की डॉ. महाश्वेता चतुर्वेदी ने अपनी रचना कुछ इस तरह प्रस्तुत की। कहा-
मौन विष पीती रही है विश्व भर की नारियां, वन सुधा जीती रही हैं विश्व भर की नारियां
काम तो पुरुषों से ज्यादा दाम है ढेले से कम, इसलिए भाती रही है विश्व भर की नारियां।
बदायूं की डॉ. निशि दीप अवस्थी ने नारी महिमा का वर्णन करते हुए कहा-
नारी युग में नारी का सम्मान बढ़ाना ही होगा, अब उसको हर एक क्षेत्र में आगे जाना ही होगा
मैं नारी के डर का दैत्य भगाने को आई हूं, मातृशक्ति वाला चैतन्य जगाने को आई हूं।
बरेली से आई शायरा शगुफ्ता गजल ने अपने अंदाज में नारी शक्ति को बयां किया। कहा-
इठला के इस तरह भी न चल कह रही हूं मैं, ऐ गर्दिशें जमाना संभल कह रही हूं मैं
सोचा है तूने मुझको मिटा देंगे हादसे, यह है तेरा दिमागी खलल कह रही हूं मैं।
इससे पहले कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्ज्वलन से की गई। आकाशवाणी कार्यालय की महिला कर्मचारी जशोदा
ने कार्यक्रम को विधिवत शुरू किया। कार्यक्रम प्रभारी मन्दीप कौर ने नारी शक्ति पर अपने विचार रखे। कहा कि आज प्रत्येक क्षेत्र में नारी ने अपनी उपस्थिति दमदार तरीके से दर्ज कराई है। बाधाओं का सामना करते हुए कर्तव्य पथ पर अविचल रहकर नारी ने समाज के समक्ष अनेक उदाहरण प्रस्तुत किए हैं। उन्होंने नारी को शक्तिरूपा बताते हुए कहा कि स्वच्छता अभियान में नारी सक्रिय भूमिका निभा सकती है। महिलाओं के लिए यह काम मुश्किल नहीं है। कार्यक्रम में निदेशक अभियांत्रिकी वली उल्लाह खां ने भी विचार रखे। संचालन सुरिन्दर कौर और तलत राना ने किया।