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इनकम टैक्स के रडार पर करोड़पति बाबू

रामपुर : हाल ही में बिजली विभाग के एक सहायक लेखाकार के खिलाफ दर्ज हुए आय से अधिक संपत्ति के मुकदमें

By Edited By: Published: Thu, 25 Aug 2016 10:10 PM (IST)Updated: Thu, 25 Aug 2016 10:10 PM (IST)
इनकम टैक्स के रडार पर करोड़पति बाबू

रामपुर : हाल ही में बिजली विभाग के एक सहायक लेखाकार के खिलाफ दर्ज हुए आय से अधिक संपत्ति के मुकदमें के बाद अब आयकर विभाग सक्रिय हो गया है। इनकम टैक्स के अफसर विभाग के दूसरे करोड़पति बाबुओं पर भी नजर रख रहे हैं। साथ ही गोपनीय जांच भी कराई जा रही है।

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यूं तो तमाम सरकारी विभाग भ्रष्टाचार की जद में है। किन्तु, बिजली विभाग की ही बात की जाए तो यहां संविदा पर नौकरी करने के लिए भी लोग ठेकेदारों को हजारों रुपये रिश्वत देने के लिए तैयार रहते हैं। वजह साफ है कि छोटे से छोटे कर्मचारी की भी ऊपरी मोटी कमाई है। फिर चाहें किसी को कनेक्शन लेना हो या फिर फुंका हुआ ट्रांसफार्मर बदलवाना हो। बिजली के बिल ठीक करने से लेकर पैकेज की मंजूरी तक ऐसा कोई काम नहीं है, जो बिना लिए दिए संभव हो। लिहाजा, अफसर तो अफसर बाबू तक करोड़ों की संपत्ति के मालिक बन गए हैं। उपखंड कार्यालयों से लेकर अधीक्षण अभियंता कार्यालय तक में तैनात इन बाबुओं की शहर के पॉश इलाकों में बड़ी बड़ी कोठियां हैं। ये बाबू कार से नीचे नहीं उतरते। कई बाबुओं ने तो अपने रिश्तेदारों तक के नाम से प्रॉपर्टी खरीद रखी हैं। ऐसा नहीं है कि इन बाबुओं के बारे में किसी को जानकारी नहीं है। अफसरों की सबकुछ जानकारी के बावजूद कोई सियासी रसूख तो कोई काली कमाई के दम पर अपने पैर जमाए हुए है। कई बाबू तो ऐसे भी हैं, जो विभाग की स्थानांतरण नीति के विपरीत काबिज हैं।

लिहाजा, पांच वर्षों में नौ लाख रुपये कमाने वाले लेखाकार के खिलाफ दर्ज हुए आय से अधिक संपत्ति के मुकदमें के बाद अब इनकम टैक्स विभाग भी सक्रिय हो गया है। आयकर विभाग की जांच यूनिट की नजर ऐसे बाबुओं पर है, जिन्होंने पिछले तीन वर्षों में रामपुर के साथ ही साथ बरेली, मुरादाबाद और अन्य जिलों में संपत्तियां खरीदी हैं। नाम न बताने की शर्त पर आयकर विभाग के ही एक अधिकारी ने बताया है कि विभाग की जांच यूनिट समय समय पर छापेमारी करती हैं। रामपुर में भी पहले कई बार छापेमारी हुई है और कई भ्रष्टाचारियों पर शिकंजा कसा गया है। फिलहाल ऐसे बाबुओं पर नजर रखी जा रही है, जिन्होंने पिछले तीन वर्षों में बड़ी प्रॉपर्टी खरीदी हो। इसके अलावा गोपनीय जांच की जद में ऐसे बाबू भी शामिल हैं, जो पिछले कई सालों से एक ही सीट पर काबिज हैं।


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