आसपास ..ताकि रोशन रहे जिंदगी का 'दीपक'
:::जागरण विशेष::: जरूरतमंदों को सिलेंडर समेत पूरी ऑक्सीजन किट निशुल्क उपलब्ध कराते हैं दीपक खडेलवा
:::जागरण विशेष:::
जरूरतमंदों को सिलेंडर समेत पूरी ऑक्सीजन किट निशुल्क उपलब्ध कराते हैं दीपक खडेलवाल
पिता का स्वास्थ्य बिगड़ने पर बड़ी मुश्किल से मिला था सिलेंडर
भास्कर ¨सह, रामपुर : मुहल्ला कूंचा लाला मियां निवासी शुएब उर रहमान के परिवार के एक सदस्य की कुछ समय पहले अचानक तबियत खराब हो गई। डॉक्टरों ने बाहर भेजने के लिए कह दिया तो आनन-फानन में एम्बुलेंस की व्यवस्था की, लेकिन एम्बुलेंस में ऑक्सीजन सिलेंडर नहीं था। बिना ऑक्सीजन के मरीज को तीस किमी दूर मुरादाबाद ले जाना खतरे से खाली नहीं था। शुएब परेशान हो गए। उन्होंने कई जगह संपर्क किया, लेकिन ऑक्सीजन की व्यवस्था नहीं हो सकी। इसके लिए वह दुगने-तिगने दाम तक चुकाने को तैयार थे। तब किसी ने उन्हें दीपक खंडेलवाल के बारे में बताया, जो जरूरतमंदों को मुफ्त ऑक्सीजन सिलेंडर मुहैया कराते हैं। उन्होंने दीपक से संपर्क किया और उन्हें तुरंत सिलेंडर मिल गया। वह भी एकदम मुफ्त। शुएब जैसे ऐसे कई जरूरतमंदों की लंबी फेहरिस्त है, जिनकी जान दीपक ने अपने इस पुनीत कार्य से बचाई है। सिविल लाइंस की फ्रेंडस कालोनी निवासी दीपक खंडेलवाल बताते हैं कि मरीज के लिए ऑक्सीजन कितनी जरूरी है, इसकी समझ उन्हें चार साल पहले आई। उनके पिता निरंजन लाल खंडेलवाल अस्थमा के मरीज थे। पिता के लिए एक बार उन्हें ऑक्सीजन सिलेंडर की जरूरत पड़ी। दीपक आर्थिक रूप से काफी मजबूत हैं, पर किसी भी कीमत पर उन्हें उस दिन सिलेंडर नहीं मिल सका। काफी मशक्कत के बाद आखिरकार उन्हें एक हॉस्पिटल से जैसे तैसे एक सिलेंडर मिल पाया। तब उन्हें अहसास हुआ कि जरूरत पर यदि मरीज को ऑक्सीजन न मिले तो परिवार पर क्या बीतती होगी। इसके बाद उन्होंने मुफ्त ऑक्सीजन सिलेंडर की सेवा करने का संकल्प ले लिया। उन्होंने दस ऑक्सीजन सिलेंडर खरीदे और जरूरतमंदों को बिना किसी भेदभाव के पूरी किट के साथ निशुल्क मुहैया कराना शुरू कर दिया। तमाम लोगों को जरूरत के समय उन्होंने सिलेंडर उपलब्ध कराये। उनके इस जज्बे को देखते अब दूसरे लोग भी उन्हें सिलेंडर दान कर रहे हैं।
ऑक्सीजन मेकर मशीन भी उपलब्ध
मिलक नई बस्ती की शांति देवी ने हाल ही में उन्हें 60 हजार रुपये कीमत की ऑक्सीजन मेकर मशीन उपलब्ध कराई है। दीपक का कहना है कि उन्होंने शहर के ज्यादातर अस्पतालों को इसकी जानकारी दे दी है, ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग उनकी निस्वार्थ सेवा का लाभ पा सकें।