सीआरपीएफ आतंकी हमले में मुंबई के आरटीओ ने दी गवाही
कड़ी सुरक्षा के बीच कोर्ट में पेश किए गए हमले के सभी आरोपी, सुनवाई अब 18 फरवरी को जागरण संवाददाता,
कड़ी सुरक्षा के बीच कोर्ट में पेश किए गए हमले के सभी आरोपी, सुनवाई अब 18 फरवरी को
जागरण संवाददाता, रामपुर : सीआरपीएफ ग्रुप सेंटर पर आतंकी हमले के मुकदमे में मुंबई के आरटीओ ने गवाही दी। उन्होंने ही हमले के एक आरोपी फहीम अंसारी का ड्राइ¨वग लाइसेंस जारी किया था। पुलिस का मानना है कि फहीम अंसारी ने यह लाइसेंस समीर शेख के नाम से बनवाया था। अदालत अब इस मामले में 18 फरवरी को सुनवाई करेगी। याद दिला दें कि 31 दिसंबर 20007 की रात सीआरपीएफ ग्रुप सेंटर पर आतंकी हमला हुआ था। इस हमले में सीआरपीएफ के सात जवान शहीद हो गए थे। एक रिक्शा चालक की भी जान गई थी। सिविल लाइंस थाने में हमले का मुकदमा दर्ज हुआ था। पुलिस ने हमले के आरोप में आठ लोगों को गिरफ्तार किया। इनमें इमरान, फारूख, जंग बहादुर बाबा खान, कौसर खां, गुलाब खां, मोहम्मद शरीफ, सबाउद्दीन और फहीम अंसारी शामिल हैं। इन सभी के खिलाफ प्रथम अपर जिला जज के न्यायालय में मुकदमा चलाया जा रहा है। सुरक्षा की ²ष्टि से आरोपियों को लखनऊ और बरेली की जेलों में रखा गया है। मुकदमे की सुनवाई के लिए इन सभी को कड़ी सुरक्षा के बीच कोर्ट लाया जाता है। सोमवार को भी मुकदमे की सुनवाई थी। सभी आरोपी पुलिस सुरक्षा में कोर्ट लाए गए। अभियोजन की ओर से मुंबई के आरटीओ संजय प्रभाकर ने गवाही दी। घटना के समय वह एआरटीओ थे। उनके द्वारा समीर शेख के नाम का ड्राइ¨वग लाइसेंस जारी किया गया था। पुलिस का मानना है कि फहीम अंसारी ने ही फर्जी नाम से यह लाइसेंस बनवाया था। गवाही देने आए अधिकारी का कहना था कि प्रपत्रों की जांच के बाद लाइसेंस जारी किया गया था। गवाही पूरी होने पर आतंकियों के अधिवक्ता जमीर रिजवी ने जिरह की। उन्होंने आरटीओ से समीर शेख के लाइसेंस में लगे मूल प्रपत्रों की जानकारी की। अधिवक्ता के मुताबिक आरटीओ कोर्ट में मूल प्रपत्र उपलब्ध नहीं करा सके। अदालत अब 18 फरवरी को सुनवाई करेगी।
गवाही समाप्त करने को दिया प्रार्थना पत्र
रामपुर : सीआरपीएफ पर आतंकी हमले के मुकदमे में सुनवाई के दौरान आतंकियों की ओर से उनके अधिवक्ता जमीर रिजवी ने अदालत में प्रार्थना पत्र दिया। कहा कि मुकदमे में 36 गवाही हो चुकी हैं। अभियोजन को गवाही के लिए काफी अवसर दिया जा चुका है। अब गवाही समाप्त की जाए।