हाजी याकूब की पार्टी से चुनाव लड़ा था समीउल्लाह
एनआइए की गिरफ्त में आने की जानकारी पर जांच पड़ताल में जुटा जिले का खुफिया तंत्र जागरण संवाददाता, रा
एनआइए की गिरफ्त में आने की जानकारी पर जांच पड़ताल में जुटा जिले का खुफिया तंत्र
जागरण संवाददाता, रामपुर : आतंकी हमलों की साजिश रचने के आरोप में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) द्वारा गिरफ्तार किया गया मौलवी अब्दुस सामी कासमी उर्फ समीउल्लाह स्वार विधान सभा क्षेत्र से चुनाव लड़ा था। वह मेरठ के कद्दावर नेता एवं पूर्व मंत्री हाजी याकूब कुरैशी की पार्टी यूपीयूडीएफ से उम्मीदवार था। उसकी गिरफ्तारी से लोग हैरत में हैं। उसके परिवार के लोग उसे आतंकी मानने को तैयार नहीं हैं।
समीउल्लाह मूल रूप से थाना अजीमनगर के हरैटा गांव का रहने वाला है। करीब 15 साल से वह दिल्ली में परिवार के साथ रह रहा है, लेकिन अब भी एक-दो महीने में गांव में अपने भाइयों के पास आता रहता था। उसकी गिरफ्तारी की जानकारी से जिले की पुलिस और खुफिया तंत्र अलर्ट हो गया है। खुफिया तंत्र के अधिकारी रविवार को हरैटा गांव पहुंचे और समीउल्लाह के बारे में जानकारी जुटाई। पता चला है कि समीउल्लाह ने यहां राजनीति में भी हाथ आजमाए थे। कई नेताओं के साथ उसकी तस्वीरें भी मिली हैं। इसके अलावा समीउल्ला ने वर्ष 2007 में स्वार विधानसभा क्षेत्र से चुनाव भी लड़ा था। यह चुनाव उसने मेरठ के हाजी याकूब की पार्टी यूपीयूडीएफ के टिकट पर लड़ा। हालांकि वह चुनाव हार गया था। समीउल्लाह का हापुड़ में बड़ा मदरसा है। हरैटा गांव में इसके दो भाई रहते हैं। पिता की मौत हो चुकी है। गांव में रहने वाले उसके भाई सईद अहमद को भी समीउल्लाह की गिरफ्तारी की जानकारी मिल गई है। वह गांव में ही जामिया अबु बक्र सिद्दीक नाम का मदरसा चलाते हैं। हालांकि उन्हें कतई यकीन नहीं है कि समीउल्लाह आतंकी गतिविधियों में लिप्त था। उनका कहना है कि समीउल्लाह राजनीति में सक्रिय थे। राजनीतिक कारणों से उन्हें फंसाया गया है। इस संबंध में जमीयत उलमाए ¨हद के अध्यक्ष सैयद अरशद मदनी से मदद मांगी है। उधर, थाना अजीमनगर प्रभारी कुशलवीर ¨सह ने बताया कि गांव में जाकर समीउल्लाह के बारे में जानकारी की गई। उसका कोई आपराधिक इतिहास नहीं है। पुलिस अधीक्षक साधना गोस्वामी का कहना है कि समीउल्लाह के बारे में जांच कराई जा रही है।