ट्रेड यूनियन की हड़ताल से ठप हुआ काम-काज
केंद्र सरकार की नीतियों के विरोध में हड़ताल पर रहे बैंक, बीमा, डाकघर, रोडवेज आदि विभागों के कर्मचारी
केंद्र सरकार की नीतियों के विरोध में हड़ताल पर रहे बैंक, बीमा, डाकघर, रोडवेज आदि विभागों के कर्मचारी
जागरण संवाददाता, रामपुर : केंद्र सरकार की नीतियों के विरोध में ट्रेन यूनियन की हड़ताल के आह़्वान पर ज्यादातर बैंकों समेत डाकघर, बीमा, रोडवेज आदि के कर्मचारी हड़ताल पर रहे। इससे काम-काज प्रभावित रहा। देश की नौ केंद्रीय श्रम संगठनों और बैंक बीमा, रक्षा, रेलवे, केंद्रीय/राज्य सरकार कर्मचारियों और अन्य सेवा प्रतिष्ठानों की फेडरेशन के संयुक्त आह्वान पर बुधवार को एक दिवसीय हड़ताल का आहवान किया गया। इसके तहत जिले के ज्यादातर बैंक कर्मचारी हड़ताल पर रहे। हड़ताली बैंक कर्मचारी सुबह दस बजे इलाहाबाद बैंक शाखा पर पहुंचे। वहां केंद्र सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया। यूपी बैंक इम्प्लाइज यूनियन के जिलाध्यक्ष जगमोहन अग्रवाल ने कहा कि सरकार की नीति जन विरोधी और बैंक विरोधी है। उन्होंने बैंकों के बढ़ते एनपीए को कम करने, नए बैंकों को लाइसेंस न दिए जाने और प्राइवेट बैंकों को बढ़ावा न दिए जाने की मांग की। यूनियन के जिला मंत्री एमके चौहान ने कहा कि बैं¨कग क्षेत्र में जन विरोधी सुधारों को रोका जाए। उद्योगपतियों से बैंकों का बकाया ऋण वसूल किया जाए। बैंकों में आउटसोर्सिंग बंद की जाए। यूनियन के उपाध्यक्ष जेके शर्मा ने कहा कि सरकार को बैंकों की समस्याओं को हल करना चाहिए। बैंकों में रोजगार के अवसर बढ़ाए जाएं। प्रदर्शन करने वालों में ओम प्रकाश ¨सह, सीपी ¨सह, जरनैल ¨सह, महेश गुप्ता, धीरेंद्र ¨सह, आशुतोष गुप्ता, कैलाश चंद्र, अशोक अग्रवाल, यूसी शर्मा, बीएस राना, सलीम खां, एमए खां, आशीष रंजन, संतोष कुमार, राजेश मलिक, जीडी जोशी, सोमपाल ¨सह, डीएम कुरेशी आदि मौजूद रहे।
अखिल भारतीय स्तर पर ट्रेड यूनियन के आहवान पर डाक विभाग के कर्मचारी और ग्रामीण डाक सेवक ने भी प्रदर्शन किया। कहा कि वर्तमान में दफ्तरों में लगे कंप्यूटर अपनी कार्य क्षमता छोड़ चुके हैं। आबादी बढ़ने के बावजूद स्टाफ नहीं बढ़ाया जा रहा। केंद्र सरकार श्रमिक अधिकारों का हनन कर रही है, जिसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। इस मौके पर मंडल सचिव महेंद्र पाल ¨सह, जग औतार, गुलाब ¨सह, उमेश कुमार, शंकर लाल, बालजीत, अर्जुन ¨सह, सुभाष बाबू, संजय शर्मा, शाकेब आदि शामिल रहे।
बीमा कर्मचारियों ने भी ट्रेड यूनियन के आह्वान पर हड़ताल की। बीमा कर्मचारी संघ के बैनर तले कर्मचारी सुबह दस बजे कार्यालय गेट पर इकट्ठा हुए। नारेबाजी की। कर्मचारियों ने न्यूनतम वेतन 15000 रुपये मासिक एवं इसे महंगाई से जोड़ने का समर्थन किया। कहा कि यह सामाजिक न्याय की हड़ताल है। सरकार कर्मचारियों का शोषण कर रही है। न्यूनतम वेतन निजी संस्थानों में तो क्या सरकारी संस्थानों में भी लागू नहीं हो रहा। यह निराशाजनक है। मजदूर किसान परेशान हैं। वे आत्महत्या करने पर मजबूर हैं, जबकि समाज का एक तबका संपन्न होता जा रहा है। सरकार को चाहिए कि ऐसी नीति बनाएं, जिससे सभी वर्ग को फायदा मिले। इस मौके पर भगवानदास, इशरत अली, विजय श्रीवास्तव, राजीव कुमार, बलजीत, हरि ¨सह आदि ने विचार रखे। उधर, रोडवेज के भी एक कर्मचारी गुट ने हड़ताल का समर्थन करते हुए काम बंद रखा। बीएसएनएल कर्मचारियों ने भी केंद्र सरकार की नीतियों के विरोध में प्रदर्शन किया।
एसबीआइ में लगा क्लीय¨रग हाउस
रामपुर : हड़ताली बैंक कर्मी जहां इसे पूरी तरह सफल होने का दावा कर रहे हैं, वहीं कुछ बैंक हड़ताल में शामिल नहीं हुए और हड़ताल को बेअसर बताया। बैंक ऑफ बड़ौदा ने हड़ताल न करने की एक दिन पहले ही घोषणा कर दी थी और बुधवार को एसबीआइ में भी काम काज हुआ। एसबीआइ की मुख्य शाखा के चीफ मैनेजर आलोक चंद्रा ने बताया कि एसबीआइ में बुधवार को क्लीय¨रग हाउस भी लगा, जिसमें 14 बैंक शामिल हुए।