सिविल लाइंस कोतवाल का कोर्ट में समर्पण
रामपुर। घर में घुसकर महिला से छेड़छाड़ और मारपीट के सत्रह साल पुराने मामले में सिविल लाइंस इंस्पेक्टर
रामपुर। घर में घुसकर महिला से छेड़छाड़ और मारपीट के सत्रह साल पुराने मामले में सिविल लाइंस इंस्पेक्टर नरेशपाल ¨सह ने बुधवार को सीजेएम आरपी पांडेय की अदालत में आत्मसमर्पण कर दिया। जमानत के लिए अर्जी दी, जिसे अदालत ने मंजूर कर ली। हालांकि इस दौरान इंस्पेक्टर को अदालत में करीब पांच घंटे हिरासत में रहना पड़ा। उनके अलावा एक अन्य सिपाही मूल चंद ने भी आत्मसमर्पण कर जमानत कराई।
मामला वर्ष 1998 का है, जिसमें एक महिला ने पुलिस पर घर में घुसकर मारपीट और छेड़छाड़ का आरोप लगाया था। पुलिस के कार्रवाई न करने पर महिला ने अदालत में परिवाद दर्ज कराया था। अदालत ने सात पुलिस कर्मियों के खिलाफ परिवाद दर्ज कर तलब कर लिया। इनमें सिविल लाइंस इंस्पेक्टर नरेशपाल ¨सह भी थे। उनके अलावा तत्कालीन गंज कोतवाल वीके त्यागी, दारोगा सोहन लाल प्रेमी, सिपाही मूलचंद, इब्ने हसन, सोहन ¨सह, सुभाष चंद्र भी शामिल थे। वर्ष 2004 में सभी पुलिस कर्मी जमानत कराकर गायब हो गए। अदालत के बार बार समय देने पर भी कोई हाजिर नहीं हुआ। तब अदालत ने पहली अक्टूबर 2010 में पुलिस कर्मियों का वेतन रोकने और उनकी गिरफ्तारी के आदेश जारी कर दिए, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। कई बार वारंट और कुर्की वारंट जारी करने के आदेश दिए। साथ ही पुलिस कर्मियों की गिरफ्तारी के लिए डीजीपी और एसपी को पत्र लिखकर कार्रवाई के निर्देश दिए। अदालत ने 15 जून तक का समय दिया था, लेकिन इससे पहले ही सिविल लाइंस इंस्पेक्टर नरेशपाल ¨सह और सिपाही मूलचंद बुधवार को सीजेएम के न्यायालय में पहुंच गए। आत्मसमर्पण करते हुए जमानत की अर्जी दी। अदालत ने दोनों को हिरासत में ले लिया। पूर्वाहन 11 बजे से शाम चार बजे तक दोनों कोर्ट की हिरासत में रहे। जमानत अर्जी मंजूर होने के बाद अदालत ने उन्हें छोड़ दिया।