पोस्टमार्टम में भी मौत की वजह स्पष्ट नहीं
रामपुर। दोनों सिपाहियों की मौत कैसे हुई, पोस्टमार्टम रिपोर्ट में भी इसकी वजह स्पष्ट नहीं हो सकी।
रामपुर। दोनों सिपाहियों की मौत कैसे हुई, पोस्टमार्टम रिपोर्ट में भी इसकी वजह स्पष्ट नहीं हो सकी।
दोनों सिपाहियों का मंगलवार को जिला अस्पताल में पोस्टमार्टम कराया गया। पोस्टमार्टम सीएमओ डॉ. एमएल पुष्कर और सीएमएस डॉ. आरके ढल की मौजूदगी में हुआ। पोस्टमार्टम तीन डॉक्टरों के पैनल ने किया। वीडियोग्राफी भी कराई गई। पोस्टमार्टम रिपोर्ट पुलिस को सौंप दी गई है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में भी मौत की वजह स्पष्ट नहीं हो सकी। हालांकि दोनों सिपाहियों के शरीर के अंदर अंगों में एक समान बात देखने को मिली। शरीर के अंदरूनी अंगों का रंग बदलकर एक जैसा हो गया था।
सीएमएस डॉ. आरके ढल बताते हैं कि जीवित व्यक्ति के शरीर के अंदरूनी अंग गुलाबी रंग के होते हैं, लेकिन जहर या सांस घुटने से मौत होने पर इनका रंग बदलकर बैंगनी हो जाता है। दोनों सिपाहियों के अंदरूनी अंग भी बैंगनी हो गए । हालांकि उनकी सांस की नली ठीक पाई गई, जिससे दम घुटने से मौत होना नहीं कह सकते। हालांकि जहरीले पदार्थ से मृत्यु होने की संभावना हो सकती है। इसके लिए दोनों मृतकों का बिसरा सुरक्षित कर लिया है। बिसरे की जांच से पता चलेगा कि मौत जहर से हुई है या नहीं।
वहीं घटना की जानकारी मिलने पर रात में ही एसपी साधना गोस्वामी फोर्स के साथ डिस्टलरी पहुंच गई। डीआइजी गुलाब सिंह भी रामपुर पहुंच गए और घटना की जानकारी की। वह जिलाधिकारी सीपी त्रिपाठी के साथ डिस्टलरी गए। जिला अस्पताल भी पहुंचे, जहां दोनों सिपाही का पोस्टमार्टम किया जा रहा था। आबकारी के भी ज्वाइंट कमिश्नर अविनाश मणि त्रिपाठी और डिप्टी कमिश्नर महेंद्र सिंह भी डिस्टलरी आ गए। जिला आबकारी अधिकारी राधेश्याम शुक्ल और सहायक आबकारी आयुक्त डिस्टलरी ओमवीर सिंह से घटना की जानकारी ली।
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आबकारी के अधिकारी शक के घेरे में
जागरण संवाददाता, रामपुर : डिस्टलरी आबकारी के सिपाहियों की मौत को लेकर तरह-तरह की चर्चा है। कहीं दोनों सिपाही डिस्टलरी से शराब या फिर होलोग्राम की चोरी का भेद तो नहीं जान गए थे, जिसे छुपाने के लिए दोनों की हत्या की गई? ऐसे कई अहम सवाल हैं, जिनकी पुलिस जांच कर रही है। इस मामले को लेकर आबकारी के अधिकारी भी पुलिस के शक के घेरे में हैं।
गौरतलब है कि डिस्टलरी से बाहर निकलने वाली शराब पर एक्साइज ड्यूटी है, जिसके लिए यहां आबकारी का एक अलग कार्यालय बना है। वर्तमान में इस कार्यालय में एक सहायक आबकारी आयुक्त, तीन आबकारी निरीक्षक और चार सिपाहियों की तैनाती है। बोतलों में बंद शराब पर होलोग्राम लगाए जाते हैं। पिछले सालों में कई बार होलोग्राम चोरी के मामले सामने आ चुके हैं। दो बार तो सिविल लाइंस थाने में होलोग्राम चोरी का मुकदमा भी दर्ज हुआ था। इसके अलावा शराब भी चोरी छुपे ले जाई जाती है। पांच और छह मार्च को होली का त्योहार है, जिसके चलते शराब की डिमांड बढ़ जाती है। ऐसे में कहीं डिस्टलरी से शराब और होलोग्राम की चोरी तो नहीं की जा रही थी, जिसकी जानकारी दोनों सिपाहियों को हो गई। चोरों ने पोल खुलने के डर से दोनों सिपाहियों की हत्या कर दी हो। इसकी आशंका को इस बात से भी बल मिलता है कि कूलिंग प्लांट की जिस दीवार के पास उनके शव मिले। उस दीवार पर पैरों के भी निशान थे। करीब छह फिट की इस दीवार के दूसरी ओर एल्कोहल का टैंक है। पुलिस भी अपनी जांच में इस बिंदु पर काम कर रही है।
उधर, मीडिया ने जब इस संबंध में मुरादाबाद से आए आबकारी के डिप्टी कमिश्नर महेंद्र सिंह से बात की तो उन्होंने दो बार होलोग्राम चोरी होने की बात कुबूल की, लेकिन सिपाहियों की हत्या ही हुई, इस आशंका को सिरे से खारिज कर दिया। कहा कि दोनों के शरीर पर किसी चोट के निशान नहीं थे। हो सकता है कि सिपाहियों को करंट लगा हो। डिप्टी कमिश्नर ने बताया कि मृतक सिपाहियों के बारे में जानकारी मिली है कि वे दोनों शराब नहीं पीते थे।
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आखिर किसके थे दीवार पर पैरों के निशान
जागरण संवाददाता, रामपर : डिस्टलरी के कूलिंग प्लांट में दीवार के पास एक कोने में जहां दोनों सिपाहियों के शव मिले उसे लेकर आबकारी के अधिकारी हैरत में हैं। दरअसल, कूलिंग प्लांट में न तो कोई डिस्टलरी कर्मचारी रहता है और न ही वहां पुलिस कर्मियों की ड्यूटी थी। ऐसे में बड़ा सवाल है कि दोनों सिपाही आखिर वहां क्या करने गए? उनके शव जहां पड़े थे, वहीं दीवार पर पैरों के निशान भी पाए गए हैं। उस दीवार के पीछे एल्कोहल का टैंक बताया जाता है। ऐसे में माना जा रहा है कि कोई एल्कोहल चोरी करने गया होगा। सिपाहियों को उसकी भनक लग गई। वे भी देखने पहुंच गए, जहां एल्कोहल चोरी करने वालों ने उनकी हत्या कर दी हो। डीआइजी ने इस पर गंभीरता से जांच के निर्देश दिए हैं।
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पुलिस हिरासत में है तीसरा सिपाही रवि
रामपुर : दोनों सिपाहियों की मौत के मामले में सिविल लाइंस पुलिस ने उनके तीसरे साथी सिपाही रवि को हिरासत में ले लिया है। घटना के समय तीनों ड्यूटी पर थे। पुलिस उससे पूछताछ कर रही है।
वहीं इस मामले में मजिस्ट्रेटी जांच की जाएगी। जिलाधिकारी सीपी त्रिपाठी ने नगर मजिस्ट्रेट राम सिंह को जांच सौंपी है। डीएम ने पूरे मामले की निष्पक्ष जांच 15 दिन में पूरी करके आख्या उपलब्ध कराने के आदेश दिए हैं।