टिकट की जद्दोजहद, छूट गई ट्रेन
रामपुर। भैया दूज पर ट्रेनों में यात्रियों की भीड़ उमड़ पड़ी। ट्रेनें पूरी तरह फुल रहीं। कई यात्रियों
रामपुर। भैया दूज पर ट्रेनों में यात्रियों की भीड़ उमड़ पड़ी। ट्रेनें पूरी तरह फुल रहीं। कई यात्रियों की तो टिकट की जद्दोजहद में ट्रेन तक छूट गई। भीड़ इतनी ज्यादा थी कि बहनों को भी ट्रेन के कोच में पैर रखने की जगह नहीं मिल सकी। इस दौरान यात्रियों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा।
शनिवार को भाई- बहन का त्योहार भैया दूज था। लिहाजा, सुबह से ही बहनों के आने-जाने का सिलसिला शुरू हो गया। सुबह चार बजे से ही रेलवे स्टेशन पर यात्रियों की लंबी लाइन लग गई। बुकिंग काउंटरों पर महिलाओं और पुरुषों की अलग-अलग लाइनें लगी हुई थीं। भीड़ अधिक होने की वजह से यात्रियों को टिकट मिलने में देर हो रही थी। घंटों की जद्दोजहद के बाद भी यात्रियों को टिकट नहीं मिल पा रहा था। सुबह करीब छह बजे इंटरसिटी एक्सप्रेस ट्रेन आ गई। इस बीच कुछ यात्रियों को तो टिकट मिल गया, लेकिन कुछ तो टिकट नहीं मिल सका। इनमें ऐसे यात्री भी थे, जिन्हें टिकट तो मिल गया, लेकिन ट्रेन नहीं मिल सकी। ज्यादातर यात्री अमरोहा, गाजियाबाद, हापुड़ आदि स्थानों पर जाने वाले थे। दिल्ली जाने वाले यात्रियों को तो काफी देर तक टिकट के लिए मशक्कत करनी पड़ी। आला हजरत, संपर्क क्रांति एक्सप्रेस आदि ट्रेनों में बेहिसाब भीड़ थी। इन ट्रेनों में बहनों को पैर रखने की जगह भी नहीं मिल पा रही थी। वहीं, इससे यात्रियों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा। शिवापुरम निवासी रोहित लोधी को दिल्ली जाना था। उन्होंने संपर्क क्रांति एक्सप्रेस का टिकट लेने के लिए सुबह सात बजे ही अपने भाई को भेज दिया था, किन्तु बावजूद इसके ट्रेन आने तक उन्हें टिकट नहीं मिल सका। इसके बाद उन्हें बस के सहारे दिल्ली के लिए रवाना होना पड़ा। कुछ ऐसी ही दिक्कत सिविल लाइंस निवासी संतोष को भी हुई। उनका मायका मुरादाबाद का है। ट्रेन से आसानी होती, लेकिन उन्हें ट्रेन नहीं मिली। बाद में वह अपने पति के साथ बाइक से मुरादाबाद गई। उधर, स्टेशन अधीक्षक आरडी मीणा का कहना है कि यात्रियों की सुविधा के लिए जो हो सका, वह किया। किन्तु, भीड़ ज्यादा होने की वजह से दिक्कत आई।
खड़ी रहीं बसें, भटकती रहीं बहनें
: भैया दूज पर चालक और परिचालकों के न आने से बसों का संचालन प्रभावित रहा। यात्रियों की भीड़ होने के बावजूद काफी बसें डिपो में ही खड़ी रहीं, जिस कारण बहनें जहां तहां बस के इंतजार में भटकती रहीं। वहीं, डग्गामार वाहन चालकों की खूब चांदी रही।
भैया दूज पर बहनों को दिक्कत न हो, इसके लिए उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम की ओर से मुकम्मल व्यवस्था की गई थी। बसों के रूट पहले से ही तय कर दिए गए थे। डिपो में मौजूद 57 बसों में से 30 बसें दिल्ली वाले रूट पर लगाई गई थीं, जबकि शेष बसों को लोकल रूट पर चलाया जाना था। किन्तु, भैया दूज पर कई चालक और परिचालकों ने छुट्टी कर ली। इस कारण लोकल रूट की काफी बसें डिपो में ही खड़ी रह गई। ऐसे में लोकल रूट के यात्रियों की भीड़ को देखते हुए रोडवेज अफसरों ने दिल्ली जाने वाली सभी बसों को पहले एक चक्कर लोकल रूट पर चलाया। किन्तु, यात्रियों की भीड़ इतनी अधिक रही कि विभाग की ओर से किए गए सभी इंतजाम नाकाफी साबित हुए। मुरादाबाद, बरेली, रुद्रपुर की ओर जाने वाले यात्रियों को बस के लिए एक घंटे से लेकर दो घंटे तक इंतजार करना पड़ा। घंटों के इंतजार के बाद भी कुछ यात्रियों को तो बसें मिल गई, लेकिन काफी तादात में यात्रियों को रोडवेज बसें नहीं मिल सकीं। दूसरे डिपो की जो बसें रामपुर आ रहीं थीं, वे भी पूरी तरह फुल। इन बसों में सीट मिलना तो दूर खड़े होना भी मुश्किल था। स्वार, टांडा में तो रोडवेज बसों का संचालन ही नहीं होता है, लिहाजा यात्रियों को डग्गामार वाहनों के सहारे ही अपना सफर पूरा करना पड़ा। डग्गामार वाहन चालकों ने भी मौके का खूब फायदा उठाया। शाहबाद, बिलासपुर और मिलक रोड पर तो डग्गामार , टैंपो, जीप, ट्रक आदि वाहनों में चालकों ने सवारियां जमकर भरीं। यात्रियों से किराया भी मनमाफिक वसूला गया।