मेरे भइया मेरे चंदा मेरे अनमोल रतन
रामपुर। मेरे भइया मेरे चंदा मेरे अनमोल रतन, तेरे बदले मैं जमाने की कोई चीज न लूं। भाई के लिए बहना का
रामपुर। मेरे भइया मेरे चंदा मेरे अनमोल रतन, तेरे बदले मैं जमाने की कोई चीज न लूं। भाई के लिए बहना का यह प्यार भैया दूज पर देखने को मिला। इसी तरह भाई भी बहनों के लिए कहते नजर आए कि फूलों का तारों का सबका कहना है, एक हजारों में मेरी बहना है। शहर में भैया दूज का पर्व सोल्लास मनाया गया।
भाई बहन के अनमोल रिश्ते को समर्पित यह त्योहार सभी के लिए काफी खास रहा। पूजन आदि करने के बाद बहनों ने भाइयों के माथे पर तिलक करके उनकी लंबी आयु, सुख, समृद्धि और सफल जीवन की मंगल कामना की। । मिठाई और स्वादिष्ट पकवान भी खिलाए, जबकि भाइयों ने अपनी बहनों को जीवन भर उनकी रक्षा करने का वचन दिया और उन्हें सुंदर उपहार तथा शगुन दिया। गोवर्धन पूजा के बाद से ही बहनों से भैया दूज की तैयारिया शुरु कर दी। जिन घरों में प्राचीन परम्परा निभाई गई, वहां चौक बनाकर विधान से पूजन हुआ। भाई के जीवन से सारे कष्ट निकल जाएं, इसके लिए बहनों ने पारम्परिक पूजा की। देवी- देवताओं के प्रतीक चिह्नों पर तिलक लगाया और उन पर मिष्ठान, फल, फूल, खील-खिलौने, मेवा, पकवान आदि अर्पित किए। महिलाओं ने भैया दूज की पौराणिक कथाएं सुनाई। पुराना गंज माई के थान और बगिया में लोगों ने एक साथ भैया दूज का पर्व मनाया। बहनों ने भाई के तिलक किया। इस दौरान भजन-कीर्तन भी हुआ। माई के थान मंदिर की महामाया ट्रस्ट के अध्यक्ष कैलाश चंद्र गर्ग ने भैया दूज से जुड़ी प्राचीन रीतियों के बारे में बताया। लोगों को प्रसाद वितरित किया। अग्रवाल धर्मशाला में भी कई परिवार ने इकट्ठा होकर पर्व का विधान निभाया। इससे पूर्व श्री शक्ति दरबार में माता का पूजन किया। महिलाओं ने मंगल गीत गाए। कृष्णा विहार की वैशाली ने अपने भाई के तिलक किया। बताती है कि भइया ने उन्हें नया मोबाइल फोन गिफ्ट किया है। उनका एक भाई विदेश रहता है तो उसे वीडियो कॉल करके तिलक किया। रामनाथ कालोनी की श्वेता के भाई पीलीभीत से यहां आए है। कहती है कि सुबह-सुबह भइया ने आकर सरप्राइज दिया। घर के सभी लोगों के लिए उपहार लाए हैं।