विरोध के बीच प्राथमिक शिक्षक संघ के चुनाव
रामपुर। उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षक संघ में शिक्षकों की गुटबाजी खुलकर सामने आ गई। एक गुट ने ब्लाक शाखाओं का चुनाव कराया तो दूसरे ने इसे अवैध करार दिया है।
मिलक में ब्लाक संसाधन केंद्र पर हुए ब्लाक शाखा के चुनाव में सत्यदेव अध्यक्ष व रमेश चन्द्र सक्सेना वरिष्ठ उपाध्यक्ष चुने गए। चुनाव जिलामंत्री शकुन्तला लोधी के नेतृत्व में हुआ। पर्यवेक्षक के रूप में उमेश राठौर, नरेश कुमार शर्मा, हरीश कुमार, राजीव कुमार पांडे, जाकिर रजा खां, अनुपम मिश्रा, अरविन्द रुहेला, नदीम अख्तर आदि शामिल रहे। उधर ब्लाकाध्यक्ष कैलाश बाबू ने चुनाव का विरोध किया। कहा कि चुनाव अवैध है। चुनाव पूर्व कार्यक्रम के अनुसार अक्टूबर में ही होंगे। बैठक में रविन्द्र गंगवार, सेवाराम, श्यामा चरन, हरप्रसाद शर्मा, कमल गुप्ता, अजयपाल, हरनन्दन, संजीव शर्मा, अनुज पांडे, दुर्गा प्रसाद, राधेश्याम, सत्यपाल आदि मौजूद रहे।
दढि़याल : उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षक संघ के प्रदेश महामंत्री जबर सिंह यादव की देखरेख में ब्लाक संसाधन केंद्र में ब्लाक शाखा का चुनाव हुआ, जिसमें इन्द्रेश कुमार चौहान अध्यक्ष, संजीव कुमार शर्मा मंत्री, अरविन्द कुमार त्यागी वरिष्ठ उपाध्यक्ष, निर्देश लता उपाध्यक्ष, रवि पाल सिंह कोषाध्यक्ष, राकेश कुमार वर्मा संयुक्त मंत्री बनाए गए। जिलामंत्री गनेशी लाल व कोषाध्यक्ष प्रेम सिंह चौहान ने शपथ दिलाई। इस मौके पर ओमप्रकाश सिंह चौहान, श्रीपाल सिंह, मोहम्मद शरीफ रिजवी, राजीव कुमार शर्मा, राजेंद्र सिंह, आदर्श कुमार, गोविन्द सिंह उपस्थित रहे। सैदनगर में ब्लाक अध्यक्ष के लिए मुजाहिद खां और अमित सक्सैना ने पर्चा भरा, लेकिन अमित सक्सेना ने वापस ले लिया। इसलिए मुजाहिद खां को निर्विरोध ब्लाक अध्यक्ष चुन लिया गया। मंत्री पद पर संजीव चौधरी को निर्विरोध चुना गया। अमित सक्सैना को वरिष्ठ उपाध्यक्ष और जबर सिंह को संगठन मंत्री चुन लिया गया।
जिलाध्यक्ष ने अवैध बताया चुनाव
टांडा : प्राथमिक शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष डॉक्टर राजवीर सिंह ने कहा कि रविवार को हुए चुनाव को अवैध करार दिया है। बताया कि डीएम व एसपी ने चुनाव पर रोक लगा दी है। उच्च न्यायालय से भी रोक लगी है। शांति लाल चौहान का कार्यकाल पहले ही समाप्त हो चुका है। उन्हें ब्लाक स्तरीय चुनाव 2009 में कराने चाहिए थे। अब उन्होंने अवैध तरीके से चुनाव कराए हैं। उन्होंने न तो संस्थान पर कोई सूची प्रकाशित की है न ही बीएसए कार्यालय पर। चुनाव में बाहर से कोई पर्यवेक्षक भी नहीं आया है। उन्होंने विभागीय अनुमति भी नहीं ली। नामांकन तक नहीं कराया तो चुनाव वैध नहीं हो सकता।