समायोजन की बंधी उम्मीद
रामपुर। बंद किए जा रहे बाल श्रम स्कूलों के कर्मचारियों का समायोजन हो सकता है। कर्मचारियों से समस्त शैक्षिक प्रमाणपत्र मांगे गए हैं। योग्यता के आधार पर समायोजन प्रस्ताव तैयार कर शासन को भेजा जाएगा।
पढ़ाई की उम्र में मजदूरी करने वाले बच्चों को साक्षर बनाया जा रहा है। इसके लिए वर्ष 2006 में जनपद में सर्वे कराया गया था। तब करीब तीन हजार बच्चे होटल, दुकान, कारखाना, दफ्तर आदि में काम करते पाए गए थे। बाल श्रम विभाग ने इन्हें चिंहित किया था। ऐसे बच्चों को पढ़ाने के लिए जनपद में 67 बाल श्रम स्कूल खोले गए थे। हर स्कूल में पांच कर्मचारी रखे गए थे। प्रशासन ने इनके संचालन को शैक्षिक अनुदेशक, व्यवसायिक अनुदेश, एकाउंटेंट और चपरासी के पद पर नियुक्ति की थी। तब से साढ़े तीन सौ कर्मचारी स्कूलों को चला रहे हैं, लेकिन अब केन्द्र सरकार इन्हें बंद कर रही है। इसका आदेश प्राप्त हो गया है। हालांकि इस वित्तीय वर्ष तक स्कूलों को संचालित रखे जाने की उम्मीद है, लेकिन स्कूल बंद होने की जानकारी से भड़के कर्मचारी सड़क पर आ गए थे। उन्होंने आय दिन धरना, प्रदर्शन और हाइवे
जाम आंदोलन किया था।
कर्मचारी जुलूस लेकर कैबिनेट मंत्री आजम खां के जनता दरबार में भी पहुचे थे। ज्ञापन देकर स्कूल संचालित रखे जाने या किसी विभाग में कर्मचारियों का समायोजन किए जाने की मांग की थी। इसके बाद प्रशासन ने मामले को गंभीरता से लिया था। जिलाधिकारी, मुख्य विकास अधिकारी, जिला बेसिक शिक्षाधिकारी और बाल श्रम विभाग के अफसरों ने गंभीरता से विचार किया था। इसके बाद तय किया गया कि समस्त कर्मचारियों के शैक्षिक प्रमाणपत्र एवं अन्य योग्यता के प्रमाणपत्रों को जमा करा लिया जाए। इनकी फाइल बनाकर विभाग जमा करे। ताकि समायोजन पर विचार किया जा सके। विभाग ने प्रमाणपत्र लेना शुरू कर दिए हैं। अब तक दो सौ कर्मचारी प्रमाणपत्र जमा कर चुके हैं। साथ ही इनकी फीडिंग भी की जा रही है।