नौ साल बीते, फिर भी सीवरेज सिस्टम अधूरा
रामपुर। पिछली सपा सरकार में मंजूर हुआ सीवरेज सिस्टम अब तक पूरा नहीं हो सका है। नौ साल बीतने के बाद भी प्रोजेक्ट अधूरा है। हालांकि, कैबिनेट मंत्री ने सरकार बनते ही छह माह के भीतर काम पूरा करने के निर्देश दिए थे, लेकिन तमाम कोशिशों के बावजूद अफसर काम में तेजी नहीं ला सके।
नगर विकास मंत्री मोहम्मद आजम खां का सपना रामपुर को ग्रीन सिटी बनाने का है। लिहाजा, उन्होंने शहर को गंदगी से निजात दिलाने के लिए पिछली सपा सरकार के समय से ही प्रयास शुरु कर दिए थे। उन्होंने वर्ष 2005 में रामपुर में सीवरेज सिस्टम के प्रोजेक्ट को मंजूरी दिलाई। इस प्रोजेक्ट को पूरा करने की जिम्मेदारी सी एंड डीएस (कंस्ट्रक्शन एंड डिजाइन सर्विसेज) को सौंपी गई। सी एंड डीएस ने प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए शहर को चार जोन में बांट दिया। पहले जोन में नवाब गेट, मिस्टन गंज, जेल रोड, सर्राफा बाजार, तोपखाना, राजद्वारा आदि क्षेत्र शामिल थे, जबकि दूसरे जोन में शाहबाद गेट, बरेली गेट, हाथीखाना, पुराना गंज आदि क्षेत्रों को शामिल किया गया। तीसरे जोन में में सिविल लाइंस और चौथे जोन में ज्वालानगर का क्षेत्र शामिल किया गया था। जोन वन और जोन टू के अलग-अलग एस्टीमेट बने, जिन्हें शासन ने तुरंत ही मंजूरी दे दी थी। सी एंड डीएस की दो यूनिटों ने काम भी शुरु कर दिया और जोन वन और टू में सीवर लाइन बिछा दी। पहले जोन में 65.97 किलोमीटर, जबकि दूसरे जोन में 78 किलोमीटर सीवर लाइन डाली गई। दोनों जोन के लिए अलग-अलग सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट भी बनने थे, जिसके लिए विभाग ने तुरंत जमीन भी देख ली। पहले जोन के लिए घाटमपुर और दूसरे जोन के सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट के लिए केमरी रोड पर पहाड़ी गांव के पास जमीन देखी गई। अफसरों ने घाटमपुर में 3.049 हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण कर लिया और काम शुरु कर दिया। घाटमपुर के प्लांट का काम लगभग 20 फीसद, जबकि पहाड़ी गांव के पास प्लांट का काम लगभग 90 फीसद पूरा हो सका था। इस बीच सूबे में सत्ता परिवर्तन हो गया और बसपा की सरकार बनते ही धनाभाव के चलते प्रोजेक्ट लटक गया। वहीं, घाटमपुर की जमीन जिन लोगों की थी, उन्होंने भी जमीन देने से इंकार कर दिया। मामला हाईकोर्ट तक गया, जहां से जमीन मालिकों को स्टे मिल गया। कई साल तक जमीन के लिए कानूनी लड़ाई जारी रही और प्रोजेक्ट पूरा नहीं हो सका।
इसके बाद प्रदेश में दोबारा सपा की सरकार बनी। मंत्री बनते ही मोहम्मद आजम खां ने सीवरेज सिस्टम को छह माह में पूरा करने के निर्देश दिए, लेकिन अब तक प्रोजेक्ट पूरा नहीं हो सका है। अफसरों को सीवर लाइन टेस्टिंग आदि का काम पूरा कराने में ही ढाई साल बीत गए। हालांकि, जोन वन के सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट की जमीन का गतिरोध समाप्त हो चुका है और वहां काम तेजी से चल रहा है। अब अफसर फरवरी माह तक पूर्णतया सीवर चालू कराने की बात कह रहे हैं।