मनमानी से खर्च किया जा रहा धन
रामपुर । राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन(एनआरएचएम ) के तहत मिलने वाला बजट चिकित्साधिकारी मनमानी से खर्च कर रहे हैं। इसमें वित्तीय परामर्श नहीं लिया जा रहा है। लेखाधिकारी ने खर्च में वित्तीय अनियमितता की आशंका जताते हुए स्वास्थ्य महानिदेशक और जिलाधिकारी को लिखा है।
ग्रामीणों को बेहतर चिकित्सा व्यवस्था मुहैया कराने के लिए केन्द्र सरकार राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन (एनआरएचएम )चला रही है। इसके तहत हर साल करोड़ों रुपये दिए जा रहे हैं। अस्पतालों के भवन बनाने के साथ बेहतर मशीनों की भी व्यवस्था की जा रही है। स्वास्थ्य विभाग में लेखाधिकारी का पद नहीं था, लेकिन चार साल पहले हुए एनआरएचएम घोटाले के बाद सतर्कता बरती जा रही है। इस घोटाले में विभाग के कई बड़े अधिकारी फंस चुके हैं। कुछ जनपदों में सीबीआई भी जांच कर रही है। इसके बाद विभाग में लेखाधिकारी का पद सृजित किया गया। जनपद में बेसिक शिक्षा विभाग के लेखाधिकारी श्यामलाल जायसवाल के पास स्वास्थ्य विभाग के लेखाधिकारी का चार्ज है। शासन के निर्देश हैं कि बजट को लेखाधिकारी के परामर्श से ही खर्च किया जाएगा। सभी टेंडर और क्रस समिति में वह सदस्य रहेंगे, लेकिन साल भर से ऐसा नहीं किया जा रहा है। इस पर लेखाधिकारी ने डीजी हेल्थ और डीएम को लिखा है। इसमें कहा है कि वेतन निर्धारण, क्रय समिति, टेंडर प्रक्रिया आदि में परामर्श नहीं किया जा रहा है, जिससे वित्तीय अनियमितता से इंकार नहीं किया जा सकता। डा. देशराज सिंह और डा. एमएल पुष्कर के सीएमओ रहते मनमर्जी से बजट खर्च किया गया। लेखाधिकारी ने बताया कि एनआरएचएम के डायरेक्टर को भी अवगत कराया गया है।