दम तोड़ती रोडवेज बस अड्डे की उम्मीद
रामपुर। चुनाव दर चुनाव हुए, नेताओं की सभाएं भी हुई, सभाओं में वादे भी खूब हुए लेकिन चार जनपदों की सीमा से लगे शाहबाद क्षेत्रवासियों को यातायात के साधनों में कोई खास सुविधा नहीं मिल सकी। शाम होते ही जहां मार्गो पर प्राइवेट वाहन भी चलना बंद हो जाते हैं। वहीं रोडवेज बस भी सड़क से पकड़नी पड़ती है।
क्षेत्र में कई दशक से रोडवेज बस अड्डे की मांग की जा रही है। हर बार चुनाव के बाद रोडवेज बस अड्डे की उम्मीद जगती है, लेकिन समय बीतता है और मामला ठंडे बस्ते में डाल दिया जाता है। वैसे नगर से प्राइवेट बसों का भी संचालन होता है, लेकिन इनका भी कोई निजी बस स्टैंड नहीं है। बसों का इंतजार लोगों को सड़क किनारे खड़े होकर करना पड़ता है। शाम होते ही प्रत्येक मार्ग पर वाहनों का संचालन बंद हो जाता है। ऐसे में नगर से बाहर जाना या आना चाहते तो यातायात के साधन जुटाने मुश्किल हो जाते हैं। क्षेत्र मुरादाबाद, बरेली, बदायूं, सम्भल समेत चार जनपदों की सीमा से सटा है। यहां प्रतिदिन हजारों की संख्या में लोग सफर करते हैं, लेकिन रोडवेज बस अड्डा न होने के कारण यात्रियों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ता है। एसडीएम विजय कुमार का कहना है कि क्षेत्र में रोडवेज बस अड्डे के लिए प्रयास किए जा रहे हैं।
यातायात के साधन बेहतर नहीं हैं। ऐसे में कहीं बाहर चले जाएं तो जल्द ही वापसी की चिंता बनी रहती है। क्योंकि, रात में यहां आने का कोई संसाधन ही नहीं है।
सुभाष सक्सेना
रोडवेज न होने से प्राइवेट वाहनों के सहारे आना जाना रहता है। लेकिन, इन वाहनों में असुरक्षा महसूस होती है। अफसरों को चाहिए कि बस चलाने के लिए ठोस कदम उठाए जाएं।
अमित चन्द्रवंशी
पढ़ाई के बाहर जाना होता है, लेकिन न तो बस मिलती है और न ही कोई और वाहन। डग्गामार वाहनों के सहारे सफर पूरा करना पड़ता है। इससे दिक्कतें होती हैं।
गौरव भटनागर
बसें न चलने की वजह से बुजुर्ग व महिलाओं को काफी परेशानी होती है। रामपुर से शाहबाद के लिए तो बसें जरुर चलाई जाएं।
जोगिन्दर सिंह
यातायात के साधन बेहतर न होने से क्षेत्र का विकास प्रभावित हो रहा है। नेता भी वायदे कर चले जाते हैं। शाहबाद व आसपास के जिलों के तुरंत बस सेवा शुरु की जानी चाहिए।
सतीश पांडे