पानी को तरसीं शहर की नई कालोनियां
रामपुर । शहर में नई कालोनियां पेयजल के लिए तरस रही हैं। इन कालोनियों में पेयजलापूर्ति के मुकम्मल इंतजाम नहीं हैं। पाइप लाइन भी नहीं पहुंच सकी है। लोग निजी संसाधनों के सहारे अपनी प्यास बुझा रहे हैं।
आबादी बढ़ने के साथ ही शहर में नई कालोनियों का विस्तार होता गया। सिर्फ ज्वालानगर की ही बात करें तो पहले यहां सिर्फ नई कालोनी, सीओडी कालोनी, बिस्मिल्लाह बिल्डिंग, कृष्णा बिहार आदि कालोनियां ही थीं। लेकिन, अब क्षेत्र विस्तृत हो गया है। सिविल लाइंस में शिवापुरम, मक्का मिल, पनवड़िया, पहाड़ी गेट के पास नई बस्ती, नाले पार के पास भी कई नई कालोनियां बसी हैं। किन्तु, नगर पालिका आबादी के लिहाज से जनता को मुहैया कराई जाने वाली मूलभूत सुविधाओं में इजाफा नहीं कर सकी। लोगों को पीने का शुद्ध पानी तक नहीं मिल पा रहा है। दर्जनों मुहल्ले ऐसे हैं, जहां पानी की पाइप लाइन तक नहीं है। ज्वालानगर के कृष्णा बिहार, विष्णु बिहार, शिव बिहार, रफत कालोनी सहित आसपास के और मुहल्लों में हाली ही में पानी की पाइप लाइन डाली गई थी, किन्तु इसके बाद भी कई मुहल्लों तक पाइप लाइन नहीं पहुंच सकी। विकास नगर का बड़ा हिस्सा इससे वंचित है। साई बिहार के भी कई इलाकों में अब तक पाइप लाइन नहीं डाली जा सकी है। तेजी से बढ़ रही दुर्गा कालोनी में भी पानी की पाइप लाइन नहीं पहुंच सकी। सिविल लाइंस में शिवापुरम और पनवड़िया के मुहल्ले पेयजल लाइन से वंचित हैं। नई बस्ती में भी पानी नहीं पहुंच सका है। मझरा ताशका में भी पेयजलापूर्ति का बुरा हाल है। नाले पार की आसपास की कालोनियों के बाशिंदों को भी शुद्ध पेयजल का इंतजार है। वहीं, लगभग सभी मुहल्लों में इंडिया मार्का हैंडपंप लगे हैं, लेकिन इनमें से अधिकतर हैंडपंप खराब पड़े हैं। इन्हें ठीक कराने के लिए भी कोई कवायद नहीं की जा रही है। मजबूरी में लोग निजी संसाधनों के बूते अपनी पेयजल की जरुरत को पूरा कर रहे हैं। कोई घरों में लगे नलों के सहारे अपनी प्यास बुझा रहा है तो कोई मोटरों के सहारे पेयजल की आवश्यकता को पूरा कर रहा है।
मुहल्ले के लोगों को शुद्ध पेयजल नहीं मिल रहा है। पाइप लाइन नहीं है। नलों में कभी-कभी गंदा पानी आता है। आसपास के मुहल्लों में पाइप लाइन डल गई, लेकिन हमारे मुहल्ले में नहीं डली है। इससे लोगों को काफी परेशानियां होती हैं।
छत्रपाल यादव, दुर्गा कालोनी।
पालिका की ओर से पेयजल के कोई इंतजाम नहीं किए गए हैं। कालोनी में पाइप लाइन नहीं है। इंडिया मार्का हैंडपंप भी खराब पड़े हैं। मोटरों और नलों के सहारे लोग अपनी प्यास बुझा रहे हैं। इससे काफी दिक्कतें हो रही हैं।
प्रयाग सिंह, शिवापुरम कालोनी।
शहर में पेयजल को लेकर मुकम्मल इंतजाम नहीं हैं। नालापार में जो नई कालोनियां बनी हैं, वहां पाइप लाइन तो दूर हैंडपंप भी खराब पड़े हैं। पानी को लेकर भरपूर व्यवस्था न होने से लोग काफी परेशान हैं।
जुऐब अर्शी खां, मुहल्ला नालापार।
पानी के बिना बड़ी परेशानी होती है। न तो पाइप लाइन है और न ही पालिका की कोई और व्यवस्था। मजबूरी में लोग अशुद्ध पानी पीने को मजबूर हैं। पेयजल किल्लत से जितनी जल्दी हो सके निजात दिलाई जाए।
नवेद खां, मुहल्ला नालापार।
आने वाले दिनों में शहर में पेयजल को लेकर कोई दिक्कत नहीं होगी। पूरे शहर में पाइप लाइन डाली जाएंगी। इसके लिए शहर को बारह जोन में बांटा गया है। इनमें से तीन जोन पहले से ही संतृप्त हैं। बाकि, जोन में तेजी से काम चल रहा है। ज्वालानगर का जो हिस्सा पाइप डालने से रह गया है, उसका अलग से इस्टीमेट तैयार किया जाएगा।
नीरज कुमार, अधिशासी अभियंता, जल निगम, रामपुर।