आंधी-पानी ने फेरा उम्मीदों पर पानी
स्वार। तेज हवाओं के साथ हुई बारिश ने किसानों की उम्मीदों पर पानी फेर दिया। बारिश से गेहूं की फसल को काफी नुकसान पहुंचा है, जिससे किसानों के चेहरों पर मायूसी छा गई है।
पिछले कुछ सालों से खेती में लगातार नुकसान हो रहा है। क्षेत्र में धान, गेहूं, मैंथा और गन्ने की फसल होती है। मैंथा के रेट सिंथेटिक मैंथा के चलते नहीं बढ़ पा रहे हैं। उधर गन्ने का भुगतान नहीं मिल पा रहा है। रही बात धान की तो उसमें भी ज्यादा फायदा नहीं रहा। गेहूं की फसल अच्छी हुई थी तो मौसम की मार से नुकसान हो गया। इन दिनों गेहूं की कटाई जोरो पर है। शुक्रवार को तेज हवा के साथ अच्छी बारिश हुई, जिससे गेहूं का खासा नुकसान हुआ है। इससे किसानों के चेहरे लटक गए। यह बारिश का कोई समय नहीं है। मीरापुर गांव निवासी किसान हाजी अरशद हुसैन कहना है कि बारिश में गेहूं की कटी फसल भीग गई है, जिससे दाने के जमने का डर रहता है। दूसरा लेबर भी बढ़ जाती है। मिलक ताज खां के मोहम्मद फारूख का कहना है कि बारिश में फसल भीग ने से दाना फूल जाता है। मिलक काजी निवासी अख्तर अली का कहना है कि पहले बारिश में मैंथा फसल बर्बाद हुई। अब गेहूं की फसल पर बारिश पड़ गई। समोदिया गांव के इदरीस अहमद कहते हैं कि सरकार को फसल का व्यक्तिगत बीमा करना चाहिए, जिससे किसान के घाटे को कम किया जा सके।
मिलक: आंधी और बारिश से गेहूं के साथ-साथ पापुलर और यूकेलिप्टस के पेड़ों को नुकसान हुआ है, जिससे किसान परेशान हैं। कुछ किसान गेहूं उठाने वाले थे कि बारिश ने पानी फेर दिया। सब्जियों की फसलों को भी नुकसान हुआ है।