हैंडपंप खराब, ऐसे तो बुझ चुकी प्यास
रायबरेली : भीषण गर्मी में पानी हर किसी के लिए अमूल्य है। पानी के लिए लोगों को भटकना पड़ रहा है। मध्य
रायबरेली : भीषण गर्मी में पानी हर किसी के लिए अमूल्य है। पानी के लिए लोगों को भटकना पड़ रहा है। मध्य क्षेत्र में होने के बाद भी बुदेंलखंड सरीखी समस्या है। पानी की स्तर गिर रहा है जिसके निस्तारण को लेकर केवल फाइलों में कलम घिसे जा रहे हैं। डीएम ने अप्रैल के शुरुआत में खराब हंडपंप रीबोर कराने के निर्देश दिए थे। उसका हाल यह है कि अभी तक सूची ही तैयार हो रही है। 13 हजार 341 हैंडपंप रीबोर की राह तक रहे हैं।
बैशाख बीतने वाला है तथा जिले में हैंडपंप अभी तक पूरी छमता से नहीं चल सके हैं। व्यवस्था की इतना खोखलापन शायद ही कहीं देखने को मिले। यह हालात हर साल गर्मी में खड़े होते तथा हर बार आदेश-निर्देश में ही लोगों के प्यास बुझाने की समस्या रह जाती है। जिले में 70 हजार के करीब हैंडपंप हैं लेकिन इसमें 5 हजार के करीब हैंडपंप खराब हैं। कहने का मतलब है यह हैंडपंप चालू तो हैं लेकिन इनसे प्यास नहीं बुझ सकती है। कारण गंदा पानी हैंडपंप फेंक रहे हैं। जिला प्रशासन की समीक्षा बैठक में कहा गया कि लोगों को पानी की समस्या से नहीं जूझना पड़ेगा, लेकिन यह बात केवल हवाहवाई ही साबित हुई है।
जिले में हैंडपंपों के हाल पर नजर
ब्लाक मरम्मत वाले रीबोर
राही 1896 338
अमावां 1167 235
हरचंदपुर 246 237
सतांव 114 440
महराजगंज 80 261
बछरावां 27 66
शिवगढ 645 208
लालगंज 525 382
सरेनी 37 1028
खीरों 137 283
डलमऊ 542 190
गौरा 380 128
ऊंचाहार 167 269
जगतपुर 159 165
रोहनिया 456 135
सलोन 452 266
छतोह 124 296
डीह 312 177
कुल 7456 5101
बनाया गया है कंट्रोल रूम
हैंडपंप जहां पर खराब हैं उसके लिए कंट्रोल रूम बनाया गया जिसमें शिकायत जा सकती है।
कंट्रोल रूम नंबर- 0535-2203309
सरेनी, शिवगढ़ व लालगंज में बुरे हालात
सरेनी को पहले से ही डार्क जोन घोषित किया जा चुका है इसके बाद भी वहां पर पानी के लिए समुचित इंतजान नहीं है। यहां पर जलस्तर 170 फिट के करीब है। कुछ ऐसे ही हालात लालगंज व शिवगढ़ में भी है। हर तरफ पानी के नाम पर सूखा दिखता है।
देखना है नए डीएम क्या करते हैं
पुराने डीएम अनुज कुमार झा ने दिशा-निर्देश तो जारी कर दिए थे, लेकिन अधिकारियों के एसी चैंबर से निकल निरीक्षण करने की हिम्मत नहीं हो सकी। किसी भी अधिकारी ने धूप में जाकर हैंडपंप की स्थिति देखने की जरूरत नहीं समझी। अब नए डीएम अभय कुमार क्या करते हैं यह देखने वाला है। क्या केवल आदेश दिया जाएगा या फिर ग्राउंडफील्ड पर काम होगा।