सूबे के मुखिया के आदेश पर भारी अफसरों की मनमानी
जागरण संवाददाता, रायबरेली: कोई कुछ भी कर लें हम नहीं सुधरने वाले। कुछ ऐसा ही रवैया इन दिनों जिले के
जागरण संवाददाता, रायबरेली: कोई कुछ भी कर लें हम नहीं सुधरने वाले। कुछ ऐसा ही रवैया इन दिनों जिले के अफसरों का है। जनपद के कलेक्टर की बात तो दूर रहीं ये सूबे की मुखिया को भी ठेंगा दिखाने से बाज नहीं आ रहे हैं। प्रदेश में कामकाज संभालने के बाद ही सीएम योगी आदित्य नाथ ने सबसे पहले सरकारी दफ्तरों को साफ सुथरा रखने का फरमान जारी किया था। कई दफ्तर ऐसे हैं जहां इसका कोई असर देखने को नहीं मिला।
मुख्यमंत्री ने सरकारी दफ्तरों में पान, गुटखा के सेवन, पॉलीथिन के प्रयोग पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया है। दफ्तरों को साफसुथरा रखने के साथ ही सरकारी दस्तावेजों के रखरखाव में सुधार लाने के निर्देश जारी किये हैं। सीएम के फरमान जारी करने के बाद शुक्रवार को डीएम अनुज कुमार झा ने बचत भवन में अफसरों और कर्मचारियों को सीएम के आदेश का पालन करने के निर्देश दिये थे। यही नहीं सभी को शपथ दिलाई गई थी कि वे अपने-अपने दफ्तर को साफसुथरा रखकर स्वच्छता का संदेश देंगे। डीएम की दिलाई शपथ और मुख्यमंत्री के आदेश के आदेश का दूसरे दिन ही पालन नहीं दिखा। कई विभागों में सिर्फ पान और गुटखे से रंगी दीवारे साफ कराकर खानापूरी कर ली गई, अस्तव्यस्त पड़े सालों पुराने दस्तावेजों की तरफ किसी ने ध्यान नहीं दिया।
सीन एक: बिना गुटखा खाये नहीं हुआ काम
जिले के डीआइओएस दफ्तर में दोपहर 12 बजे तक साफसफाई नहीं हुई। कमरों में इधर उधर जिधर देखो कूड़ा पड़ा था। कुछ एक बाबुओं के कक्षों को छोड़ दे तो पूरा परिसर सीएम के आदेशों का मखौल उड़ा रहा था। कई बाबुओं की टेबल के नीचे पीकदान रखे थे। आलम यह रहा कि मुख्यमंत्री के सख्त मनाही के बाद भी यहां पान और गुटखे का सेवन नहीं रुका। बोर्ड परीक्षा की कापियों का स्टोर बनाये गये कमरे में इसके कई उदाहरण देखने को मिले।
सीन दो: इन्हें नहीं सीएम के आदेश की फिक्र
शारदा सहायक खंड दक्षिणी के अभियंताओं को मुख्यमंत्री के आदेश की कोई फिक्र ही नहीं है। दफ्तरों को साफसुथरा रखने का फरमान जारी हुए दो दिन बीत गए, लेकिन कार्यालय की दुर्दशा दूर नहीं हुई। पान और गुटखे की पीक से लाल हुई दीवारें यहां के एसडीओ चतुर्थ के कमरे की शोभा बढ़ा रही थीं। सफाई कराना तो दूर यहां पर कर्मचारी और आने-जाने वाले लोग पान व गुटखा खाकर थूकते देखे गए।
सीन तीन: सरकारी दस्तावेजों की नहीं ले रहे सुधि
मुख्यमंत्री ने सरकारी दफ्तरों में पान और गुटखे के सेवन के रोक के साथ ही सरकारी दस्तावेजों का रखरखाव भी दुरुस्त करने के निर्देश दिये हैं, लेकिन जिले के ¨सचाई विभाग खंड छह में इसका कोई असर देखने को नहीं मिला। विभाग के एक कमरे में सालों पुराने दस्तावेज कुछ इस तरह से रखे थे। मानो दोबारा उनकी जरूरत पड़ेगी ही नहीं। अफसरों ने दीवारों में लगे पान-गुटखे के दाग तो साफ करा दिये, लेकिन पुराने दस्तावेजों की सुधि नहीं ली।